कोटद्वार: LUCC से जुड़े बहुचर्चित धोखाधड़ी प्रकरण में पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। 22.94 करोड़ की गड़बड़ी के मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी रामनाथ गुप्ता को उत्तर प्रदेश के लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
यह गिरफ्तारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में गठित टीम द्वारा की गई, जिसमें अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार, क्षेत्राधिकारी ऑपरेशन और प्रभारी निरीक्षक कोटद्वार शामिल थे।
जांच के दौरान यह सामने आया कि LUCC के खातों से 22.94 करोड़ की धनराशि पीएनबी बैंक में रामनाथ गुप्ता के खाते में ट्रांसफर की गई थी। आरोपी ने यह राशि चेक और नकद के माध्यम से निकाली। यह भी सामने आया कि LUCC के चेयरमैन जितेन्द्र निरंजन ने रामनाथ गुप्ता को खाते की साइनिंग अथॉरिटी दे रखी थी।
वादिनी तृप्ति नेगी और अंजना रावत की शिकायतों पर कोटद्वार कोतवाली में आईपीसी की कई गंभीर धाराओं सहित UPID और BUDS एक्ट के तहत दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, LUCC से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले गढ़वाल के अन्य जनपदों में भी दर्ज हैं।
इन सभी मामलों की निगरानी के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी को पर्यवेक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो समय-समय पर विवेचकों के साथ ऑनलाइन बैठक कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दे रहे हैं।
धोखाधड़ी प्रकरण में अब तक कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इनमें उर्मिला बिष्ट, जगमोहन सिंह बिष्ट, प्रज्ञा रावत, विनीत सिंह, गिरीश चंद्र बिष्ट, चंदन राम राज पुरोहित और अब रामनाथ गुप्ता शामिल हैं। दिल्ली से चंदन राम की गिरफ्तारी इस वर्ष 6 फरवरी को हुई थी।
पुलिस केवल आरोपियों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके चल-अचल संपत्तियों की तस्दीक कर उन्हें सीज करने की कानूनी प्रक्रिया भी तेज़ी से कर रही है। विवेचकों द्वारा लगातार ठोस साक्ष्य संकलन कर केस को मजबूत बनाया जा रहा है।
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