देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा के दौरान घोड़े खच्चरों की स्वास्थ्य जांच को अनिवार्य कर दिया है। रुद्रप्रयाग जिले में 12 घोड़े खच्चरों में इक्वाइन इनफ्लुएंजा मिलने के बाद राज्य सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। सरकार ने आदेश दिया है कि अब चार धाम यात्रा के मार्गों पर बगैर स्वास्थ्य जांच के कोई भी घोड़ा या खच्चर यात्रा में भाग नहीं ले सकेगा। इसके लिए रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, उत्तरकाशी और बागेश्वर जिलों में घोड़े खच्चरों की टेस्टिंग के आदेश जारी किए गए हैं।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि इन पांच जिलों में कुल 23,120 घोड़े और खच्चर हैं, जिनकी स्वास्थ्य जांच की जाएगी। इसके अलावा, केदारनाथ रोड पर दो क्वारंटाइन केंद्र बनाए जाएंगे, जहां यदि किसी घोड़े या खच्चर में इंफ्लूएंजा पाया जाता है, तो उसे 10 दिन तक क्वारंटाइन किया जाएगा। दसवें दिन पुनः परीक्षण के बाद यदि उसकी रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो उसे सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा और वह यात्रा के लिए सर्टिफाइड होगा।
मंत्री ने बताया कि 15 दिन पहले टेस्टिंग प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसमें अब तक 422 घोड़े खच्चरों की जांच की गई थी, जिनमें से 12 में इंफ्लूएंजा की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि इस स्वास्थ्य जांच में लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
गौरतलब है कि साल 2009 में इक्वाइन इनफ्लुएंजा के कारण 150 घोड़े खच्चरों की मौत हो गई थी। यह बीमारी घोड़ों में तेजी से फैलती है और इससे प्रभावित घोड़े लंबी यात्रा नहीं कर सकते।
उत्तराखंड सरकार ने इस बार स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर यात्रा के दौरान सभी घोड़े खच्चरों की स्क्रीनिंग को अनिवार्य कर दिया है, ताकि चार धाम यात्रा को सुरक्षित और सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।