Chamoli
uttarakhand: बदरीनाथ धाम में दो संदिग्ध बाबा मिले, पुलिस कर रही पूछताछ

बदरीनाथ। uttarakhand में चल रहे अभियान कालनेमि के तहत अब पुलिस ने बदरीनाथ धाम में भी साधुओं की जांच और सत्यापन की प्रक्रिया तेज कर दी है। रविवार को पुलिस ने कई बाबाओं को थाने बुलाकर उनके दस्तावेजों की जांच की, जिनमें से दो बाबा संदिग्ध पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि ये दोनों बाबा बंगाल के रहने वाले हैं और फिलहाल उनके पहचान पत्रों की गहनता से जांच की जा रही है।
चारधाम यात्रा शुरू होने के साथ ही हर साल बदरीनाथ धाम में बड़ी संख्या में साधु-बाबा जुटते हैं। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस समय-समय पर इनका सत्यापन करती रहती है। बदरीनाथ थाना प्रभारी नवनीत भंडारी ने बताया कि इस बार धाम में करीब 600 बाबाओं का सत्यापन किया गया था, जिनमें से कुछ बाबा अब वापस लौट चुके हैं।
जो भी नए साधु बदरीनाथ धाम पहुंच रहे हैं, उन्हें भी थाने में बुलाकर पहचान और दस्तावेजों का सत्यापन किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि यात्रा के दौरान किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों को रोकने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कार्रवाई ज़रूरी है।
फिलहाल दोनों संदिग्ध बाबाओं के दस्तावेज जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। पुलिस प्रशासन ने साफ कहा है कि बदरीनाथ धाम में आने वाले सभी साधुओं को अपनी पहचान स्पष्ट रूप से प्रमाणित करनी होगी।
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Earthquake: अचानक जोर का झटका! चमोली में देर रात कांपी धरती, लोग सहमे

चमोली: Earthquakev – उत्तराखंड के चमोली जिले में शुक्रवार देर रात अचानक जमीन हिली तो लोग घबराकर अपने घरों और दुकानों से बाहर निकल आए। सड़कों पर खड़े लोग सहमे हुए एक-दूसरे से हालचाल पूछते नजर आए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, रात को आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 मापी गई, जिसकी गहराई करीब 10 किलोमीटर थी।
गनीमत रही कि इस हल्के भूकंप से किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं आई। इससे कुछ दिन पहले, 8 जुलाई को भी उत्तरकाशी में दोपहर 1:07 बजे 3.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी गहराई करीब 5 किलोमीटर थी।
भूकंप आखिर क्यों आता है?
पृथ्वी के भीतर सात बड़ी प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, तो उस जगह को फॉल्ट लाइन कहा जाता है। टकराव के कारण प्लेट्स के किनारे मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव बनने पर अचानक टूट जाते हैं। इसके चलते भीतर से ऊर्जा बाहर निकलती है और धरती हिल उठती है, जिसे हम भूकंप के झटकों के रूप में महसूस करते हैं।
क्या होता है भूकंप का केंद्र?
भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है, जिसके नीचे प्लेट्स में खिंचाव के कारण सबसे पहले हलचल होती है। यहीं से ऊर्जा बाहर निकलती है, इसलिए इसी जगह झटके सबसे ज्यादा महसूस होते हैं। जैसे-जैसे इस केंद्र से दूरी बढ़ती जाती है, कंपन कम महसूस होता है।
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता?
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल से मापी जाती है, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहते हैं। इस पैमाने पर भूकंप को 1 से 9 के बीच मापा जाता है। इसका आधार एपीसेंटर यानी भूकंप के केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा की ताकत होती है। यही ताकत बताती है कि झटका कितना तेज और कितना खतरनाक है।
भले ही चमोली में आए इस भूकंप की तीव्रता ज्यादा नहीं थी, लेकिन यह याद दिलाता है कि उत्तराखंड भूकंपीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है, जहां कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। जागरूक रहना और सतर्क रहना ही सबसे अच्छा उपाय है।
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चमोली में बड़ा हादसा: गधेरे में डूबे पांच बच्चों में से दो की मौत, तीन को बचाया गया

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले के गौचर क्षेत्र में शनिवार को बड़ा हादसा हो गया। पनाई के पास लोडिया गधेरे में नहाते समय पांच बच्चे अचानक डूब गए। स्थानीय लोगों और रेस्क्यू टीम की मदद से तीन बच्चों को तो बचा लिया गया, लेकिन दो बच्चों की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, सभी बच्चे घर से ट्यूशन के लिए निकले थे। रास्ते में उन्होंने गधेरे में नहाने का फैसला किया। इस दौरान एक बच्चा पानी में डूबने लगा, जिसे बचाने के लिए चार और बच्चे भी गधेरे में कूद पड़े। मगर तेज बहाव और भंवर में फंसने से दो बच्चों की जान नहीं बच पाई।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन चलाकर दोनों बच्चों को बाहर निकाला। अस्पताल पहुंचाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मृत बच्चों की पहचान गौरव गोसाई (निवासी डूंगरी गांव, नारायणबगड़) और दिव्यांशु बिष्ट (निवासी श्रीकोर्ट, गौचर) के रूप में हुई है। इस दर्दनाक हादसे के बाद गांव में शोक का माहौल है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
पुलिस और प्रशासन की अपील: प्रशासन ने एक बार फिर लोगों से अपील की है कि बरसात के मौसम में नदी-नालों और गधेरों के आसपास न जाएं, क्योंकि अचानक जल स्तर बढ़ने से इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं।
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सेवा के दौरान बिगड़ी तबीयत , वीर जवान सुरेन्द्र सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री धामी ने जताया शोक

चमोली: जनपद चमोली के वाण गांव निवासी और गढ़वाल स्काउट ज्योतिर्मठ में तैनात लांस नायक सुरेन्द्र सिंह का आकस्मिक निधन हो गया। बताया जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण उनकी मौत हुई। जवान के निधन की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शोक व्यक्त करते हुए कहा—
“जनपद चमोली निवासी लांस नायक सुरेंद्र सिंह जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
शहीद सुरेन्द्र सिंह का पार्थिव शरीर देर रात उनके गांव वाण पहुंचाया गया। अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुरेन्द्र अभी अविवाहित थे और अपने पीछे माता-पिता, दो भाई और एक बहन को छोड़ गए हैं।
आज उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
इस वीर सैनिक के बलिदान को पूरे उत्तराखंड ने नमन किया है।
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