ब्रेकिंग न्यूज़

हिंसक बना बाघ कैमरा ट्रैप में हुआ रिकॉर्ड, ट्रेंकुलाइज की कवायद तेज।

Published

on

नैनीताल\रामनगर-  हिंसक बने बाघ को कॉर्बेट प्रशासन ने किया चिन्हित अफ़सारुल की मौत के 16 दिन बाद ट्रेंकुलाइज किए जाने वाले बाघ को कोर्बेट प्रशासन ने किया चिंहित, कोर्बेट प्रशासन में हिंसक बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की कवायद की तेज. 3 हाथियों के साथ ही 35 से ज्यादा कैमरा ट्रैप, 2 ड्रोन, 2 पिजड़े, 40 से ज्यादा वनकर्मी लगातार हिसंक बाघ की मोमेंट्स पर नजर रख रहे है

बता दें कि 16 जुलाई को अफ़सारूल पर बाघ के हमले के बाद अभी तक उसका शव बरामद नहीं हुआ है. बता दें कि बाघ युवक को घसीटकर कर जंगल के अंदर ले गया था. फिलहाल हिंसक बने बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की कवायत में कॉर्बेट प्रशासन व वन विभाग लगा हुआ है. जिसके लिए मोहन क्षेत्र में बाघ को पकड़ने के लिए 2 पिंजरा, 2 ड्रोन्स और 35 से ज्यादा केमरा ट्रैप, उहाथी व 40 से ज्यादा वनकर्मी भी लगातार घटना वाले क्षेत्र में लगे हुए है..

बता दें कि 16 जुलाई रात 8:00 बजे बाइक के पीछे बैठे युवक अफ़सारूल को बाघ खींच कर ले गया था. अफ़सारुल अपने दोस्त अनस के साथ बाइक से अल्मोड़ा रानीखेत घूमने निकले थे, अल्मोड़ा से लौटते वक्त मोहन क्षेत्र में बाइक के पीछे बैठे अफसारुल को बाघ उठाकर ले गया था. तब से ही विभाग बाघ को ट्रेक करने के साथ ही शव बरामद करने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाए हुए हैं. वहीं कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पांडे ने सर्च ऑपरेशन में लगे हुए कर्मचारियों व अधिकारियों को बाघ की पल-पल की मोमेंट तुरंत ही पता लगने पर, रेस्क्यू टीम के डॉक्टरों को देने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यह है कि जो वन क्षेत्र है जिसमें कालागढ़ टाइगर रिजर्व, वन प्रभाग, या कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का वन क्षेत्र है, उन सभी क्षेत्रों में हमने एक्सटेंशन कैमरा ट्रैप लगाए है, और रोज उनका डाटा एनलाइसिस का कार्य किया जा रहा है. ताकि हम बाघ की मूवमेंट को समझ पाए और यह जान पाए कि कौन से क्षेत्र में बाघ की ज्यादा गतिविधि पाई जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारी वन विभाग की टीम लगातार सर्च ऑपरेशन चलाए हुए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी ट्रेंकुलाइज टीम भी वहां पर मौजूद है. उन्होंने कहा कि ड्रोन्स कैमरा ट्रैप के मुकाबले उतने कारगर सिद्ध नही हो पा रहे है. क्योंकि बारिश की वजह से झाड़ियां उगने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जबकी कैमरा ट्रैप से काफी मदद मिल रही है. उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले बाघ को लोकेट भी किया गया था. उन्होंने कहा कि झाड़ियां अधिक होने के कारण ऑपरेशन सक्सेसफुल नहीं हो पाया, क्योंकि बरसात का होना भी मुख्य कारण है, जिसकी वजह से कुछ बाधा भी उत्पन्न हो रही है. धीरज पांडे ने कहां लेकिन हमारा प्रयास यह है कि जल्द से जल्द जो बाघ हमारे द्वारा चिन्हित कर लिया गया है, उसको हम ट्रैकुलाइज करके रेस्क्यू कर
पाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version