देहरादून – केदारनाथ क्षेत्र में 14 वर्ष में 10 हेलिकॉप्टर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इन हादसों में 30 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस दौरान जहां सेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टर सहित पांच हेलिकॉप्टर क्रैश हुए हैं। वहीं, अन्य में तकनीकी खामियां आई हैं।
12 जून 2010 को केदारनाथ में हेलिकॉप्टर से जुड़ी पहली दुर्घटना हुई थी। उस समय प्रभातम हेली कंपनी के हैलीपैड पर खड़े हेलिकॉप्टर के पंखे की चपेट में आने से एक युवक की कटकर मौत हो गई थी। मृतक, हेली कंपनी का ही कर्मचारी था।
वर्ष 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ में रेस्क्यू के दौरान 21 जून को एक निजी हेलिकॉप्टर जंगलचट्टी में क्रैश हो गया था, जिसमें पायलट की मौत हो गई थी।
इस हादसे में चार दिन बाद ही बचाव व सुरक्षा कार्य में लगा भारतीय सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर हेलिकॉप्टर 25 जून को गौरीकुंड की पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया था। इस दर्दनाक हादसे में सेना के 20 जवानों की मौत हो गई थी।
28 जून को केदारनाथ से दो किमी आगे गरुड़चट्टी में एक निजी हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें पायलट व को-पायलट सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी।
25 मई 2016 में केदारनाथ में गुप्तकाशी के टेक ऑफ करते समय हेलिकॉप्टर का अचानक दरवाजा खुल गया था। हालांकि, सभी यात्री सुरक्षित थे।
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तीन अप्रैल 2018 को केदारनाथ में निर्माण सामग्री ले जा रहा सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर दो हिस्सों में टूट गया था, लेकिन दुर्घटना में कोई जनहानि नहीं हुई।
13 मई 2019 को केदारनाथ में टेकऑफ करते हुए एक निजी कंपनी के हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने से इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी।
18 अक्तूबर को केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरते समय एक निजी हेलिकाॅप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें पायलट सहित सात लोगों की मौत हो गई थी।
23 अप्रैल 2023 को केदारनाथ हेलिपैड पर हेलिकॉप्टर के टेल रोटर की चपेट में आने से यूकाडा के वरिष्ठ वित्त नियंत्रक की मौत हो गई थी।