Breakingnews
जानिए क्यों चढ़ाया जाता हैं शिवलिंग पर बेलपत्र, क्या है इससे जुडी मान्यताएं….

भगवान भोलेनाथ थोड़ी सी भक्ति, बेलपत्र और जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन के समय जब कालकूट नाम का विष निकला तो इसके प्रभाव से सभी देवता व जीव-जंतु व्याकुल होने लगे ,सारी सृष्टि में हाहाकार मच गया। संपूर्ण सृष्टि की रक्षा के लिए देवताओं और असुरों ने भगवान शिव से प्रार्थना की। तब भोलेनाथ ने इस विष को अपनी हथेली पर रखकर पी लिया। विष के प्रभाव से स्वयं को बचाने के लिए उन्होंने इसे अपने कंठ में ही रख लिया। जिस कारण शिवजी का कंठ नीला पड़ गया इसलिए महादेवजी को ‘नीलकंठ’ कहा जाने लगा। लेकिन विष की तीव्र ज्वाला से भोलेनाथ का मस्तिष्क गरम हो गया। ऐसे समय में देवताओं ने शिवजी के मस्तिष्क की गरमी कम करने के लिए उन पर जल उड़ेलना शुरू कर दिया और ठंडी तासीर होने की वजह से बेलपत्र भी चढ़ाए। इसलिए बेलपत्र और जल से पूजा करने वाले भक्त पर भगवान आशुतोष अपनी कृपा बरसाते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि बेलपत्र को शिवजी को चढ़ाने से दरिद्रता दूर होती है और व्यक्ति सौभाग्यशाली बनता है।
ऐसे हुई बेल की उत्पत्ति
बेल वृक्ष की उत्पत्ति के संबंध में ‘स्कंदपुराण’ में एक कथा है कि एक बार देवी पार्वती ने अपने ललाट से पसीना पौंछकर फेंका,जिसकी कुछ बूंदें मंदार पर्वत पर गिरीं, जिससे बेल वृक्ष की उत्पत्ति हुई। इस वृक्ष की जड़ों में गिरिजा, तना में महेश्वरी, शाखाओं में दक्षयायनी, पत्तियों में पार्वती, फूलों में गौरी का वास माना गया है।
बेलपत्र के बारे में महत्वपूर्ण बातें
1- भगवान शिव को हमेशा उल्टा बेलपत्र यानी चिकनी सतह की तरफ वाला वाला भाग स्पर्श कराते हुए ही बेलपत्र चढ़ाएं। बेलपत्र को हमेशा अनामिका, अंगूठे और मध्यमा अंगुली की मदद से चढ़ाएं। शिव जी को बिल्वपत्र अर्पण करने के साथ-साथ जल की धारा जरूर चढ़ाएं। 2- बेलपत्र की तीन पत्तियों वाला गुच्छा भगवान शिव को चढ़ाया जाता है और माना जाता है कि इसके मूलभाग में सभी तीर्थों का वास होता है। 3- मान्यता है कि जिस घर में बेल का वृक्ष होता है वहां धन-धान्य की कभी कोई कमी नहीं होती। 4- जो भक्त भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं और भोलेनाथ उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।
5- बेलपत्र की तीन पत्तियां ही भगवान शिव को चढ़ती है। कटी-फटी पत्तियां कभी न चढ़ाएं। 6- कुछ तिथियों को बेलपत्र तोड़ना वर्जित होता है। जैसे कि चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या को, संक्रांति के समय और सोमवार को बेल पत्र नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसे में पूजा से एक दिन पूर्व ही बेल पत्र तोड़कर रख लिया जाता है।
7- बेलपत्र कभी अशुद्ध नहीं होता। पहले से चढ़ाया हुआ बेलपत्र भी फिर से धोकर चढ़ाया जा सकता है।
Breakingnews
पिथौरागढ़ में दर्दनाक हादसा: मुवानी के पास खाई में गिरी मैक्स, 6 की मौत!

पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ जिले के मुवानी के निकट भण्डारी गांव के पास अभी-अभी एक मैक्स गाड़ी गहरी खाई में गिर गई। शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस दर्दनाक हादसे में 6 लोगों की मौत की खबर है। बताया जा रहा है कि यह टैक्सी मुवानी से बोकटा की ओर जा रही थी, तभी रास्ते में हादसे का शिकार हो गई।
स्थानीय प्रशासन और राहत टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। मृतकों की शिनाख्त की जा रही है।
Breakingnews
उत्तराखंड स्कूलों में गीता का पाठ अनिवार्य, हर सप्ताह होगा विश्लेषण
Breakingnews
Kainchi Dham में अब बिना रजिस्ट्रेशन एंट्री नहीं! सरकार ने भीड़ से निपटने का प्लान शुरू किया

Kainchi Dham
नैनीताल: उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा नीब करौरी महाराज का Kainchi Dham अब श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ की वजह से प्रशासनिक फोकस में आ गया है। बीते कुछ वर्षों में यहां आने वालों की संख्या में जबरदस्त इज़ाफा हुआ है…जिसके चलते अब राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने यहां व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए कमर कस ली है।
धामी सरकार ने Kainchi Dhamको चारधाम की तरह सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। राज्य पर्यटन विभाग ने जिला प्रशासन के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है और धाम की क्षमता निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
धाम और आसपास की प्रमुख जगहों पर एएमपीआर कैमरे लगाए जा रहे हैं…जो न सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या की निगरानी करेंगे बल्कि आवाजाही और सुरक्षा में भी मदद करेंगे। सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली लागू की जाएगी जिससे धाम में भीड़ नियंत्रित की जा सके। इसके लिए तहसील कैंची धाम के एसडीएम को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो सर्वे टीम के साथ समन्वय स्थापित करेंगे।
डीएम वंदना सिंह द्वारा शासन को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया कि 2021 में जहां करीब 7-8 लाख श्रद्धालु Kainchi Dham पहुंचे थे…वहीं 2025 में यह संख्या 25 लाख पार कर चुकी है। सिर्फ 20 दिनों (17 मई से 9 जून) में 3.72 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का पहुंचना एक रिकॉर्ड है। हर सप्ताहांत औसतन 20-22 हज़ार लोग धाम पहुंच रहे हैं…जिससे ना सिर्फ मंदिर बल्कि नैनीताल और आस-पास के पर्यटन स्थलों पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
तेज़ी से बढ़ते यात्री दबाव के चलते भवाली-भीमताल, भीमताल-हल्द्वानी और भवाली-नैनीताल सड़कों पर भारी जाम की समस्या खड़ी हो गई है। बीते सीजन में 10 किलोमीटर से ज्यादा लंबे ट्रैफिक जाम के वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुए, जिससे मुक्तेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जैसे इलाकों के पर्यटन व्यवसाय पर सीधा असर पड़ा।
जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि शासन को चारधाम की तर्ज पर श्रद्धालुओं के ऑनलाइन पंजीकरण, स्थापना दिवस को छोड़ अन्य दिनों दर्शन की संख्या सीमित करने, और हल्द्वानी में ऑफलाइन काउंटर स्थापित करने जैसे सुझाव दिए गए थे…जिन्हें पर्यटन विभाग ने स्वीकार कर लिया है।
पर्यटन सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन प्रस्तावों पर सहमति बनी और क्षमता निर्धारण के लिए टीम गठित कर दी गई है। टीम ने डिजिटल सर्वे का काम शुरू कर दिया है, साथ ही बायपास निर्माण की प्रक्रिया भी तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
अब Kainchi Dhamन सिर्फ एक आध्यात्मिक केंद्र बल्कि व्यवस्थित, सुरक्षित और टेक-सपोर्टेड धार्मिक स्थल बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। डिजिटल सर्वे, पंजीकरण व्यवस्था और ट्रैफिक कंट्रोल के ज़रिए सरकार इस प्रयास में है कि भक्तों को सुविधा मिले और स्थानीय पर्यटन पर भी सकारात्मक असर पड़े।
- Accident2 years ago
सिल्क्यारा टनल हादसा: सीएम धामी ने की प्रेसवार्ता दी रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी।
- Breakingnews2 years ago
देहरादून पहुँचे बीजेपी के राष्टीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, सीएम धामी ने किया स्वागत।
- Uttar Pradesh5 years ago
उत्तर प्रदेश बोर्ड : 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए 05 जनवरी 2021 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं छात्र….
- Haryana1 year ago
नायब सिंह सैनी को बनाया गया हरियाणा का नया सीएम, सैनी ने पीएम मोदी का जताया आभार…पूर्व सीएम के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा हुई तेज।
- Breakingnews4 years ago
23 जनवरी को पीएम मोदी जाएंगे कोलकाता , ‘पराक्रम दिवस’ समारोह को करेंगे संबोधित…..
- Breakingnews5 years ago
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को दी मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं…..
- Accident2 years ago
धू-धूकर जली स्कूल बस, 35 बच्चे थे सवार, बाल-बाल बची जान….देखे जलती बस का विडियो
- Breakingnews4 years ago
भारतीय स्टेट बैंक ने अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के नियमों को लेकर किए बदलाव…