देहरादून – सैन्यधाम के 500 मीटर क्षेत्र को फ्रीज जोन बनाने की राह में एक लॉबी का अड़ंगा है। प्रापर्टी कारोबारी और निवेशक इस प्रक्रिया का कई स्तरों पर विरोध कर रहे हैं। हालांकि टाउन प्लानिंग विभाग ने मास्टर प्लान में इस क्षेत्र को चिह्नित कर दिया है। विकास प्राधिकरण ने फाइल शासन में अनुमोदन के लिए भेज दी है। मुख्यमंत्री स्तर पर फ्रीज जोन पर निर्णय लिया जाएगा।
दरअसल, गुनियाल और आसपास के कई गांवों में पर्यटन गतिविधियां व प्रापर्टी कारोबार तेजी से बढ़ा है। सुदूर जंगलों के बीच में बने होमस्टे व होटल-रेस्तरां पर्यटकों को लुभा रहे हैं। तेजी से बढ़ रहे कंक्रीट के जंगल को देखते हुए सैनिक कल्याण अनुभाग ने गुनियाल गांव में निर्माणाधीन शौर्य स्थल के 500 मीटर अर्ध व्यास क्षेत्र को फ्रीज जोन घोषित कराने का प्रस्ताव दिया है।
इससे सैन्यधाम के आसपास क्षेत्र में निर्माण प्रतिबंधित हो जाएगा। इससे गुनियाल और आसपास के गांवों में प्रापर्टी कारोबार ठप हो जाएगा। इसलिए फ्रीज जोन की कवायद में एक लॉबी अड़ंगा लग रही है। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी निर्माण पर पाबंदी को लेकर प्रयासरत हैं। उनका कहना है कि अगर सैन्यधाम के चारों तरफ ऊंची इमारतें बन जाएंगी तो इस सैन्यधाम को बनवाने का औचित्य अधूरा रहेगा, इसलिए इस क्षेत्र में निर्माण पर पाबंदी लगाना जरूरी है। प्रस्ताव पर एमडीडीए ने अपनी सहमति जताते हुए अपर मुख्य सचिव आवास को मंजूरी के लिए भेज दिया है।
दरअसल गुनियाल गांव मसूरी क्षेत्र से लगा हुआ है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। पिछले 10 सालों में यहां तेजी से निर्माण कार्य हुए। कई होटल, रेस्तरां, होमस्टे बने। प्रकृति की गोद में रहने की चाहत रखने वालों के लिए यहां पर हाउसिंग सोसाइटी भी भविष्य में बनाई जानी हैं। इसके लिए निवेशकों ने जमीनें ले रखी हैं।
पिछले साल तक यहां पर जमीन का सर्किल रेट 12000 रुपये प्रति वर्ग मीटर था, लेकिन जमीनें 30-35 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर के रेट से बिक रहीं थीं, इस अंतर को देखते हुए जिला प्रशासन ने गत वर्ष गुनियाल और आसपास के इलाकों में सर्किल रेट 27 हजार रुपये प्रतिवर्ग मीटर तय किया। प्रापर्टी कारोबारियों का मानना है कि अगर यहां पर निर्माण ही प्रतिबंधित हो गया, तो जमीन पर किया गया निवेश बेकार हो जाएगा। भविष्य में यहां पर कोई प्रोजेक्ट नहीं आ सकेगा। इसलिए निवेशक नहीं चाहते कि ऐसी कोई पाबंदी लगे।
गुनियाल गांव में 50 बीघा भूमि पर 63 करोड़ रुपये की लागत से सैन्यधाम बन रहा है। सैन्यधाम की भव्यता व सुरक्षा के मद्देनजर शौर्य स्थल से 500 मीटर क्षेत्र में निर्माण कार्यों को प्रतिबंधित करने की तैयारी है। सैन्यधाम में द्वितीय विश्वयुद्ध से लेकर अब तक उत्तराखंड के जितने भी सैनिक शहीद हुए हैं, उन सबके चित्र लगाए जाएंगे। उन सभी के बारे में जानकारी दी जाएगी। शहीदों के घर की माटी यहां एक बड़े कलश में रखी जाएगी।