Uttarakhand

यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल को मंजूरी के बाद से विवाह पंजीकरण के आंकड़ों में 30 प्रतिशत का आया उछाल, डीएम ने व्यवस्था बढ़ाने के दिए निर्देश।

Published

on

देहरादून – यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल (यूसीसी`) को मंजूरी के बाद से दून कलेक्ट्रेट में सब रजिस्ट्रार कार्यालय का नजारा बदला हुआ है। जमीन की रजिस्ट्री कराने वालों की भीड़ के साथ ही नवविवाहित जोड़े सब रजिस्ट्रार कार्यालय में बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं। यूसीसी बिल विधानसभा में पास होने के बाद से ही विवाह पंजीकरण के आंकड़ों में 30 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है।

सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में विवाह पंजीकरण के लिए बेहतर व्यवस्था कर पृथक डेस्क बनवाई जा रही है। फरवरी में उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता बिल को मंजूरी दी गई। विवाह, तलाक और उत्तराधिकार को लेकर समान नागरिक संहिता वाले इस विधेयक में सभी वर्ग के लोगों के लिए एक समान प्रावधान किया जा रहा है। इस बिल के कानून बनते ही उत्तराखंड में रहने वाले सभी लोगों के लिए विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा।26 मार्च 2010 के बाद हुए विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य होगा।

यूसीसी लागू होने के बाद छह महीने के भीतर ऐसे सभी जोड़ों को पंजीकरण कराना होगा, जिनकी शादी 26 मार्च 2010 के बाद हुई है। वहीं 2010 से पूर्व हुए विवाह में भी दंपती चाहे तो अपना पंजीकरण करा सकेंगे। यूसीसी का बिल अभी बेशक कानून नहीं बना हो, लेकिन इसके प्रावधानों को देखते हुए लोगों में पहले से जागरूकता आ गई है। धार्मिक रीति-रिवाज से शादी के बाद जोड़े विवाह पंजीकृत कराने के लिए खुद पहुंच रहे हैं।

देहरादून कलेक्ट्रेट में सब रजिस्ट्रार-2, सब रजिस्ट्रार-3, सब रजिस्ट्रार-4 के कार्यालय में विवाहों का पंजीकरण होता है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार यूसीसी बिल पास होने से पहले प्रत्येक महीने 446 जोड़े अपने विवाह पंजीकृत कराने के लिए सब रजिस्ट्रार के यहां पहुंचते थे। यूसीसी बिल पास होने के बाद फरवरी में ही यह आंकड़ा 576 पर पहुंच चुका है, जो कि गत वर्ष की तुलना में करीब 30 फीसदी अधिक है।

वैशाली की शादी आदित्य के साथ विधिवित धार्मिक रीति-रिवाज से हो चुकी है। लेकिन समान नागरिक संहिता बिल में विवाह पंजीकरण की अनिवार्यता के चलते वह विवाह का पंजीकरण कराना चाह रहे हैं। सब रजिस्ट्रार कार्यालय में यह लोग विवाह पंजीकरण की औपचारिकताओं की जानकारी करने पहुंचे।

रीना और प्रकाश के विवाह को पांच साल हो चुके हैं। लेकिन यूनिफॉर्म सिविल कोड में मार्च 2010 के बाद हुए सभी विवाहों के पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है, इसलिए यह दंपती भी विवाह पंजीकरण कराने पहुंचा। सभी औपचारिकताओं के बारे में इन्हें कार्यालय स्टाफ ने बताया। यूसीसी कानून बनने के बाद होने वाली भीड़ की संभावना के चलते यह पहले ही अपना पंजीकरण कराने के लिए पहुंचे।

यूसीसी में लागू होने के बाद तलाक आदेशों का भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा। लेकिन अभी तलाक के रजिस्ट्रेशन के लिए कोई नहीं पहुंच रहा है। इसके बारे में जानकारी अवश्य लोग कर रहे हैं।

Advertisement

देहरादून डीएम सोनिका ने बताया कि  विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बढ़ती संख्या को देखते हुए व्यवस्था बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। आवेदकों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो, इसके लिए सभी सब रजिस्ट्रार को व्यवस्था बनाने के लिए कहा है। विवाह पंजीकरण के लिए अलग डेस्क बनाई जाएगी, ताकि आवेदक आसानी से कम समय में पंजीकरण करा सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version