नए जुर्माने के प्रावधान
नए नियमों के मुताबिक, यदि किसानों के पास दो एकड़ से कम भूमि है, तो उन्हें 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा। वहीं, दो एकड़ से अधिक लेकिन पांच एकड़ से कम भूमि वाले किसानों को 10,000 रुपये का जुर्माना चुकाना पड़ेगा। अगर किसी किसान के पास पांच एकड़ से अधिक भूमि है, तो उसे 30,000 रुपये से ज्यादा जुर्माना देना होगा।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और केंद्र सरकार का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर किए गए कड़े निर्देशों के बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण पराली जलाना एक गंभीर समस्या बन गया है, जो न केवल पर्यावरण के लिए नुकसानदेह है, बल्कि शहरी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है।
केंद्र सरकार का मानना है कि इन कड़े जुर्माने से किसानों में पराली जलाने के खिलाफ जागरूकता बढ़ेगी और वे अधिक जिम्मेदारी से काम करेंगे। इसके साथ ही, सरकार ने किसानों को वैकल्पिक उपायों जैसे बायो डीकंपोजर और पारिस्थितिकीय तरीकों से पराली नष्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
वायु गुणवत्ता में सुधार की दिशा में कदम
नई जुर्माना नीति से वायु गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसान पराली जलाना बंद करते हैं, तो यह दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण को काफी हद तक कम कर सकता है, जो हर साल सर्दियों में बढ़ जाता है।