देहरादून: काठगोदाम से देहरादून आ रही 14119 देहरादून एक्सप्रेस ने बृहस्पतिवार सुबह 4:30 बजे एक गंभीर हादसे से बचते हुए अपनी गति रोक दी। ट्रेन के इंजन के नीचे तेज आवाज सुनाई देने के बाद लोको पायलट अनुज गर्ग ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। जांच में पता चला कि ट्रेन ट्रैक पर रखे 15 फीट लंबे और तीन सूत मोटे सरिए पर चढ़ गई थी।
जब ट्रेन डोईवाला और हर्रावाला के बीच पहुंची, तो लोको पायलट को अचानक इंजन के नीचे तेज आवाज आई। खतरे का अंदेशा होते ही उन्होंने तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाए। अपने सहायक के साथ जब वे नीचे उतरे, तो उन्होंने देखा कि इंजन के नीचे एक बड़ा सरिया फंसा हुआ है।
लोको पायलट और उनके सहायक ने मिलकर सरिए को निकालकर ट्रैक के किनारे रखा, और फिर ट्रेन को सुरक्षित रूप से देहरादून रेलवे स्टेशन के लिए रवाना किया। इस घटना की सूचना उच्च अधिकारियों और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को दी गई। रेलवे की ओर से डोईवाला कोतवाली में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
क्या है सरिए का रहस्य? संयोग या साजिश?
हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रेन दुर्घटनाओं को लेकर चिंता बढ़ गई है, जहां कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर रेलवे ट्रैक पर सिलिंडर, ड्रम आदि रखकर ट्रेन को रोकने की कोशिश की है। इस घटना को देखते हुए जीआरपी और पुलिस ने सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है।
पुलिस जांच कर रही है कि आखिरकार यह सरिया रेलवे पटरी पर कैसे आया। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना के स्थान पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिससे यह संभव है कि किसी कार्यकर्ता का सरिया वहीं छूट गया हो। वहीं दूसरी ओर, यह भी आशंका जताई जा रही है कि शायद किसी ने जानबूझकर सरिया ट्रैक पर रखा हो।
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