Uttarakhand

चुनावी समर में ताल ठोकने को सभी राजनीतिक दल तैयार, हल दल अलग-अलग लड़ेगा चुनाव।

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देहरादून – लोकसभा चुनाव का बेशक अभी एलान नहीं हुआ है, लेकिन राज्य में तकरीबन सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनावी समर में ताल ठोकने के लिए कमर कस ली है। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा पांच में तीन सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है और बाकी दो सीटों पर वह कभी भी प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी गढ़वाल, टिहरी और अल्मोड़ा सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। अब कांग्रेस में भी भाजपा की तरह दो सीटों पर प्रत्याशियों का एलान होना बाकी है।  बसपा ने पांचों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। पार्टी इस हफ्ते कभी भी प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है। समाजवादी पार्टी ने भी दो मैदानी सीटों पर प्रत्याशी खड़े करने का विचार बनाया है। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा ने एक भी सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारा था।

भाजपा के विरोधी राजनीतिक दलों के चुनाव लड़ने की तैयारी को देखकर एक बात तो साफ हो गई है कि राज्य में वे एक साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। हालांकि शुरुआत में कुछ सीटों पर इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी खड़ा करने के कयास लगाए जा रहे थे। पांचों सीटों पर जीत की हैट्रिक बनाने के लिए भाजपा तैयारियों के मामले में अभी अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे है। पार्टी टिहरी, अल्मोड़ा और नैनीताल सीट पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। उसके हरिद्वार और गढ़वाल सीट पर जल्द उम्मीदवार घोषित होने की संभावना है। कांग्रेस में प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन जारी है। वामपंथी दल भी दो सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं।

2019 में भाजपा और कांग्रेस के बीच था सीधा मुकाबला
2019 के लोकसभा चुनाव में पांचों सीटों पर बसपा, यूकेडी समेत कई दलों ने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही हुआ। इस चुनाव में सपा बेशक हरिद्वार और नैनीताल सीट से चुनाव लड़ने का मन बना रही है, लेकिन पिछले चुनाव में उसका एक भी प्रत्याशी मैदान में नहीं था। बसपा ने गढ़वाल सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे।

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