Uttarakhand

शिक्षा के क्षेत्र में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगे बाबा रामदेव, ध्वजवाहक तैयार होने के बाद पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का करेगे प्रचार-प्रसार।

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हरिद्वार – पतंजलि योगपीठ के 29वें स्थापना दिवस, महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर पतंजलि गुरुकुलम और आचार्यकुलम के शिलान्यास कार्यक्रम में स्वामी रामदेव ने कहा, अभी 500 करोड़ की लागत से गुरुकुलम और आचार्यकुलम तैयार करने की योजना है। साथ ही अगले पांच सालों में पांच से 10 हजार करोड़ रुपये शिक्षा के अनुष्ठान में खर्च करने का लक्ष्य है।

 

कहा, जो देश से पाया, उसे इस देश को वापस लौटाना है। हमने महर्षि दयानंद के पदचिह्नों पर चलकर योगधर्म से राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि रखा है। महर्षि दयानंद ने एक ओर वेद धर्म, सनातन धर्म की बात की तो दूसरी ओर राष्ट्र धर्म के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले बलिदानी तैयार किए। हमने गुरुकुल से शिक्षा प्राप्त कर मानव सेवा के लिए विशाल अर्थ साम्राज्य स्थापित किया।

बाबा रामदेव ने कहा, पतंजलि गुरुकुल सनातन के ध्वजवाहक तैयार करेगा, जो पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार करेंगे। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा, स्वामी दर्शनानंद ने अल्प संसाधनों से यह संस्था प्रारंभ कर एक स्वप्न देखा था, जिसे स्वामी रामदेव साकार कर रहे हैं। इस संस्था ने अपनी युवावस्था के गौरव को देखा है। कहा, कहीं न कहीं यह संस्था अपनी वृद्धावस्था की तरफ जा रही थी, लेकिन स्वामी के तप और पुरुषार्थ से यह पुनः अपने अतीत के गौरव को समेटे हुए वैभव प्राप्त करेगी।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वामी रामदेव को उज्जैन में गुरुकुल स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने आह्वान किया कि स्वामी रामदेव मध्य प्रदेश से पतंजलि के सभी प्रकल्पों को संचालित करें।

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