नई दिल्ली : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ी मुश्किलें बढ़ गई हैं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) और केजरीवाल के लिए आगामी चुनावी समय में मुश्किलें बढ़ने की संभावना है।
ईडी का आरोप, केजरीवाल और सिसोदिया थे मास्टरमाइंड
ईडी ने दिल्ली शराब घोटाले के मामले में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है। एजेंसी का कहना है कि दोनों नेताओं ने साउथ लॉबी की मदद से दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में बदलाव किया, जिसके परिणामस्वरूप कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत का लेन-देन हुआ था। इस रिश्वत में से 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार में किया गया था, जो आम आदमी पार्टी की चुनावी रणनीति का हिस्सा था।
ईडी की चार्जशीट और गिरफ्तारी
ईडी ने इस मामले में अपनी चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। मार्च 2024 में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, और मई 2024 में उनके, पार्टी और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी। इस समय केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए यह एक बड़ा राजनीतिक और कानूनी झटका है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव पर असर
दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 के आसपास हो सकते हैं, और इस समय में आम आदमी पार्टी की यह नई मुसीबत उनकी चुनावी तैयारियों को प्रभावित कर सकती है। अरविंद केजरीवाल और उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं, और उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी की है। लेकिन अब ईडी की मंजूरी के बाद, उनकी मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं, क्योंकि यह मामला दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा विवाद बन चुका है।