Breakingnews

कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, हिंदू पक्ष की याचिका को किया स्वीकार।

Published

on

प्रयागराज – मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि पहले कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की अर्जी पर होगी सुनवाई होगी। इसके बाद याचिका की पोषणीयता पर विचार किया जाएगा। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद पक्ष की दलीलें खारिज कर दी हैं। अदालत का यह फैसला ऐतिहासिक है।

पहले कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की अर्जी पर होगी सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्म भूमि विवाद मामले में गुरुवार को आदेश देते हुए कहा कि पहले कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की अर्जी पर होगी सुनवाई होगी। इसके बाद याचिका की पोषणीयता पर विचार किया जाएगा। कोर्ट अब 18 दिसंबर को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने के मामले में सुनवाई करेगी। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हमारे आवेदन को स्वीकार कर लिया है, जिसमें हमने एडवोकेट कमिश्नर द्वारा (शाही ईदगाह मस्जिद) के सर्वेक्षण की मांग की थी। 18 दिसंबर को इसकी रूपरेखा तय होगी। कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की दलीलें खारिज कर दी हैं। हमारी मांग थी कि शाही ईदगाह मस्जिद में हिंदू मंदिर के बहुत सारे निशान और प्रतीक चिह्न हैं। वास्तविक स्थिति जानने के लिए एक सर्वे की जरूरी है। उन्होंने अदालत के इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है।

इससे पहले जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण में हाईकोर्ट ने 16 नवंबर को हुई सुनवाई के बाद सभी 18 केसों से संबंधित वादकारी और प्रतिवादियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया था। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया था कि सेशन कोर्ट में दाखिल 18 वादों की फाइलों को हाईकोर्ट ने अपने अधीन सुनवाई के लिए ले रखा है।

उन्होंने आरोप लगाया था कि ईदगाह पक्ष जन्मभूमि की स्थापत्य कला के साथ खिलवाड़ कर सबूतों को नष्ट कर रहा है। इससे पहले ही साक्ष्य नष्ट कर दिए जाएं, हाईकोर्ट से मांग की जाएगी कि ज्ञानवापी की तर्ज पर जन्मभूमि का भी सर्वे कराने का आदेश देने की कोर्ट से अपील की जाएगी।

जानें मथुरा में कितना पुराना है श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद
शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा शहर में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से सटी हुई है। 12 अक्तूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ एक समझौता किया। समझौते में 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों के बने रहने की बात है।

पूरा विवाद इसी 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है। इस जमीन में से 10.9 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान और 2.5 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। इस समझौते में मुस्लिम पक्ष ने मंदिर के लिए अपने कब्जे की कुछ जगह छोड़ी और मुस्लिम पक्ष को बदले में पास में ही कुछ जगह दी गई थी। अब हिन्दू पक्ष पूरी 13.37 एकड़ जमीन पर कब्जे की मांग कर रहा है।

ये है श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह का इतिहास
ऐसा कहा जाता है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्म स्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट करके उसी जगह 1669-70 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था। 1770 में गोवर्धन में मुगलों और मराठाओं में जंग हुई। इसमें मराठा जीते। जीत के बाद मराठाओं ने फिर से मंदिर का निर्माण कराया। 1935 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 13.37 एकड़ की भूमि बनारस के राजा कृष्ण दास को आवंटित कर दी। 1951 में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ये भूमि अधिग्रहीत कर ली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version