Crime

उत्तराखंड में बड़ा ज़मीन घोटाला: भाजपा पार्षद समेत छह गिरफ्तार, कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि से भी जुड़े तार

Published

on

भाजपा पार्षद समेत छह गिरफ्तार

रुड़की: हरिद्वार जिले की रंगदारी और जमीन से जुड़े संगठित अपराध की दुनिया में एक बड़ा खुलासा हुआ है। देहरादून से आए एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की टीम ने भाजपा पार्षद मनीष उर्फ बॉलर के साथ-साथ गिरोह के अन्य कई सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने प्रवीण वाल्मीकि गैंग के साथ मिलकर एक महिला और उसके परिवार को धमका धमका कर, उनके नाम के फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीनें बनानी-बेचने की संगठित साजिश रची।

गंगनहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज, भाजपा ने पार्षद को किया निष्कासित

एसटीएफ ने तत्काल गंगनहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई और आरोपी पार्षद को देहरादून ले जाकर पूछताछ की। इस मामले में, भाजपा ने पंजा छोड़ते हुए बॉलर को पार्टी से निष्कासित कर दिया। मनीष बॉलर रुड़की निगम वार्ड नंबर 38 से पार्षद थे।

भाजपा पार्षद समेत छह गिरफ्तार

कैसे सामने आया साज़िश का खेल?

शिकायत की तहरीर के आधार पर जांच शुरू हुई, जिसमें पता चला कि मनीष, प्रवीण वाल्मीकि, राजकुमार व अंकित मिलकर लोगों को प्रवीण वाल्मीकि के खौफ से डराकर ज़मीनें हथियाते थे।

पीड़ित रेखा (पति दिवंगत) की सुनहरा गांव में बड़ी संपत्ति थी। पहले उनके देवर कृष्ण गोपाल (2018) की हत्या, फिर भाई सुभाष पर जानलेवा हमला हुआ (2019)। इन घटनाओं से परिवार चरमरा गया और जिसने जमीन छोड़ दी।

फरार दर्जे की रेखा के नाम से फर्जी पावर ऑफ़ अटॉर्नी जारी कर दो प्लॉट ₹80 लाख में बेचने की फिराक चल रही थी। लेकिन खरीदारों ने ठगी पकड़ी और पुलिस को शिकायत की।

जांच से पता चला कि आरोपियों ने मीनाक्षी जैसिया नाम के दूसरे फर्जी प्रतिनिधि का भी इस्तेमाल किया जिन्होंने अलग-अलग लोगों को दूसरी भूमि बेची – मोबाइल नंबर से मनीष बॉलर का संबंध सामने आया।

गंभीर आपराधिक धाराएं – संगठित गिरोह का पर्दाफाश

इस मामले में एसटीएफ ने मनीष समेत पूरे गिरोह के खिलाफ धारा 120-B (साज़िश), 420 (ठगी), 467, 468, 471 (दस्तावेज़ों में धोखाधड़ी) और भारतीय दंड संहिता की धाराएँ 111 (घात), 351 (योजना हिंसा), 352 (लख़्तम) आदि के तहत मुकदमा दर्ज कराया।

विरोध और हिंसक प्रतिक्रिया – प्रशासन की चुनौती

मामले की खबर फैलते ही वाल्मीकि समाज से जुड़े लोग गंगनहर कोतवाली में जमा हो गए। बाद में पुलिस ने बातचीत कर भीड़ को शांत करवाया। अगली सुबह वे निगम कार्यालय के सामने आ गए और सफाई कर्मियों का गाड़ियाँ रोकने तक का प्रदर्शन हुआ। आरोप रहा कि पूछताछ केवल जनप्रतिनिधि के खिलाफ हो रही कार्रवाई ठीक नहीं है।

 

 

janmanchTV

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version