उत्तरकाशी। यमुनोत्री धाम में बाढ़ सुरक्षा कार्यों को मजबूती देने के लिए अब बड़ी मशीनों को वायुसेना के हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर लाया जाएगा। इसके लिए चिनूक हेलिकॉप्टर की लैंडिंग ट्रायल की योजना बनाई गई है। प्रशासन और विशेषज्ञों की टीम ने चीता हेलिकॉप्टर से यमुनोत्री के पास गरुड़ गंगा क्षेत्र में निर्माणाधीन हेलीपैड का निरीक्षण किया।
यमुनोत्री धाम में जुलाई 2024 में आई भीषण आपदा ने व्यापक नुकसान पहुंचाया था। सुरक्षा कार्यों के नाम पर पिछले कई वर्षों से करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद धाम को पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं किया जा सका। इससे नाराज़ होकर पुरोहित समाज और जिला प्रशासन ने अब केदारनाथ मॉडल को अपनाने का फैसला किया है।
धाम की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए चारधाम यात्रा प्रशासन ने भारतीय वायुसेना की मदद से बड़ी मशीनों को एयरलिफ्ट कर यमुनोत्री धाम के पास लाने की योजना बनाई है। इसी को लेकर गरुड़ गंगा क्षेत्र में चिनूक हेलिकॉप्टर की लैंडिंग के लिए ट्रायल की तैयारी की जा रही है। इसकी रेकी के लिए चीता हेलिकॉप्टर से टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया।
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