देहरादून: उत्तराखंड में प्रवक्ता भर्ती सेवा नियमावली में संशोधन को कार्मिक विभाग से मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद यह प्रस्ताव अब कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा। इस संशोधन से अब प्रवक्ता पद के अभ्यर्थियों को स्क्रीनिंग परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अब तक प्रवक्ता के पद पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को पहले स्क्रीनिंग परीक्षा और फिर लिखित परीक्षा देनी पड़ती थी। स्क्रीनिंग परीक्षा में सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते थे, लेकिन इस प्रक्रिया में यह देखा गया कि ग्रुप सी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी अच्छे अंक प्राप्त कर लेते थे, जबकि विषयों के विशेषज्ञ पीछे रह जाते थे। इससे विभाग को योग्य विषय विशेषज्ञ शिक्षक नहीं मिल पा रहे थे, और इसी कारण पिछले कुछ समय से स्क्रीनिंग परीक्षा को हटाने की मांग उठ रही थी।
राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने भी इस संशोधन का समर्थन करते हुए कहा कि छात्र हित को देखते हुए यह बदलाव जरूरी था। उनका मानना है कि स्क्रीनिंग परीक्षा की वजह से विभाग को योग्य विषय विशेषज्ञ नहीं मिल पा रहे थे।
शिक्षा विभाग में 3,107 प्रवक्ताओं के पद खाली
राज्य शिक्षा विभाग में प्रवक्ताओं के कुल 3,107 पद खाली हैं। इनमें से 2,269 पदों को पदोन्नति से भरने का प्रस्ताव है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्यूली ने बताया कि विभाग में इन पदों को भरने की प्रक्रिया वर्ष 2018 से रुकी हुई है। उनका कहना है कि सरकार अगर चाहे तो अन्य विभागों की तरह शिक्षकों की पदोन्नति कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रख सकती है।
#ScreeningTestExemption, #SpokespersonRecruitment, #UttarakhandRuleAmendment, #CarpenterDepartmentApproval, #ExaminationRequirementRemoved