हरिद्वार: सोशल मीडिया पर वन्यजीवों की वीडियो और फोटो पोस्ट करने के शौक रखने वालों के लिए अब मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हरिद्वार पुलिस ऐसे लोगों की पहचान करने और सख्ती से कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है जो दूसरे राज्यों के वन्यजीवों की वीडियो को हरिद्वार का बताकर वायरल करते हैं। ऐसे अकाउंट्स की पहचान की जा रही है, जो सोशल मीडिया पर अन्य राज्यों के वन्यजीवों की वीडियो हरिद्वार में होने का दावा करके पोस्ट कर रहे हैं।
हरिद्वार के रेंज अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि कुछ लोग जानबूझकर अन्य राज्यों के वन्यजीवों की वीडियो को हरिद्वार में प्रसारित कर रहे थे। इसके बाद, हरिद्वार के डीएफओ वैभव सिंह ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए एक विशेष टीम गठित की है जो सोशल मीडिया पर इन वीडियो की निगरानी करेगी। इस टीम का मुख्य उद्देश्य ऐसी वायरल वीडियो की पहचान करना है और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी गलत जानकारी न फैले।
अगर ऐसा पाया जाता है कि कोई शख्स इस तरह के वीडियो पोस्ट कर रहा है, तो उसे पहले चेतावनी दी जाएगी। यदि वह चेतावनी को नजरअंदाज करता है, तो उसके खिलाफ वन विभाग अधिनियम 1972 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, कुछ वीडियो में यह भी देखा गया है कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो बनाने के चक्कर में वन्यजीवों को नुकसान भी पहुंचा रहे हैं। इन मामलों में भी कार्रवाई की जाएगी और दोषी पाए जाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग का कहना है कि यह कदम वन्यजीवों के संरक्षण और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है। रिहायशी इलाकों में वन्यजीवों का आना-जाना अक्सर होता रहता है और लोग इनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर देते हैं। ऐसे वीडियोज़ की निगरानी के बाद ही वन विभाग ने इस प्रकार की कार्रवाई का निर्णय लिया है।
वन्यजीवों की सुरक्षा का उल्लंघन करने वालों के लिए सख्त संदेश: वन विभाग और पुलिस का साफ संदेश है कि सोशल मीडिया पर वन्यजीवों की वीडियो पोस्ट करते समय अगर किसी ने वन्यजीवों को नुकसान पहुँचाया या गलत जानकारी फैलाई तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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