देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आयोजित एक बैठक में राज्य के “सशक्त उत्तराखण्ड / 2025” कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए विभिन्न विभागों को आगामी योजनाओं में तेजी लाने के स्पष्ट निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से उत्तराखण्ड के रजत उत्सव वर्ष तक सभी विभागों को दो-दो “गेम चेंजर” योजनाओं पर कार्य करने के आदेश दिए थे और इन योजनाओं पर हुई कार्य प्रगति का आगामी बैठक में स्पष्ट विवरण प्रस्तुत करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने राज्य की जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) को 2027 तक दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी विभागों को अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं के आधार पर तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जिन कार्यों पर ध्यान दिया जाए, उनका परिणाम धरातल पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे और कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने की दिशा में अधिकारियों का दायित्व और भी महत्वपूर्ण हो गया है। इसके लिए राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए नवाचार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कृषि, बागवानी, ऊर्जा, पर्यटन और आयुष जैसे क्षेत्रों में राज्य की विशाल संभावनाओं की ओर इशारा करते हुए इन क्षेत्रों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने इन क्षेत्रों में रोजगार सृजन की अपार संभावनाओं को देखते हुए अधिकारियों को इन क्षेत्रों में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आयोजित इन्वेस्टर समिट के दौरान आए निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग में तेजी लानी होगी। इसके लिए और प्रभावी प्रयास करने की आवश्यकता है, ताकि निवेशक अपने प्रस्तावों को जल्द से जल्द धरातल पर उतार सकें और राज्य में आर्थिक विकास को गति मिल सके।
मुख्यमंत्री ने बैठक के अंत में अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता के साथ-साथ उनके परिणामों पर ध्यान केंद्रित करें, ताकि राज्य में विकास की गति में कोई रुकावट न आए और उत्तराखण्ड एक आदर्श राज्य के रूप में उभर सके।