Uttar Pradesh

भारत में घुसपैठ कर रहा चीन का सेब, आम-कीवी की तस्करी से हो रही है गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं !

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लखनऊ – देवीपाटन मंडल, जो सामान्यतः शांत है, बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर जिलों की नेपाल से लगी सीमा पर तस्करी के गहरे तारों से जुड़ा हुआ है। हालांकि सीमा सुरक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) तैनात है और नियमित गश्त भी हो रही है, लेकिन खुली सीमा के कारण तस्करी की समस्या गंभीर होती जा रही है।

चीन से नेपाल के रास्ते बहराइच की मंडियों में जहरीले लहसुन के साथ सेब, आम और कीवी भी पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार, चीन के सेब नर्वस सिस्टम के लिए खतरनाक होते हैं और इनका सेवन कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है।

चीन के सेब की पहचान कैसे करें

बहराइच जिले के रुपईडीहा बॉर्डर पर तैनात वनस्पति संरक्षण अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार बताते हैं कि चीन के सेब औसत आकार में बड़े और गोल होते हैं। इनकी चमक सामान्य सेब की तुलना में अधिक होती है और रंग गुलाबी या पीला होता है। इनका स्वाद शक्कर के जैसा नरम और भुरभुरा होता है। भारत में इनकी बिक्री स्वास्थ्य समस्याओं के कारण प्रतिबंधित है।

सरहद पार करते ही कीमत दोगुनी

नेपाल में चीन के सेब की कीमत 40 से 50 रुपये प्रति किलो है, लेकिन भारत में यह बढ़कर 100 से 120 रुपये प्रति किलो हो जाती है। तस्करों का मुनाफा इस प्रकार दोगुना हो जाता है।

तस्करों का मजबूत नेटवर्क

नेपाल सीमा पर तस्करों का नेटवर्क एसएसबी की इंटेलिजेंस से कहीं अधिक पुख्ता है। तस्कर नेपाली सिम वाले मोबाइल फोन का उपयोग कर सीमा के आसपास सक्रिय होते हैं। जब एसएसबी का गश्ती दल गुजरता है, तब दूसरे दल के बीच 30 से 40 मिनट का या कभी-कभी एक घंटे का अंतराल होता है, जिसमें माल आसानी से सीमा पार कर जाता है।

गोदाम में तब्दील होते सामान्य दिखने वाले घर

बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच के सीमावर्ती गांवों में बाहरी रूप से सामान्य दिखने वाले घरों के भीतर गोदाम का रूप दे दिया गया है। यहां बड़ी मात्रा में सामग्री स्टोर की जा रही है, जो धीरे-धीरे बॉर्डर के पार पहुंचाई जा रही है।

 

 

 

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