Dehradun

सम्मान अभियान कार्यशाला में बोले सीएम धामी: अंत्योदय से राष्ट्रोदय तक, बाबा साहेब के सपनों को साकार कर रही सरकार….

Published

on

देहरादून: मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को आई.आर.डी.टी. ऑडिटोरियम, सर्वेचौक, देहरादून में संविधान निर्माता भारतरत्न डॉ. भीम राव अम्बेडकर के “सम्मान अभियान” के सम्बन्ध में आयोजित प्रदेश कार्यशाला में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को नमन करते हुए कहा कि बाबा साहेब की 135वीं जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला ‘सम्मान अभियान’ राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को स्मरण करने एवं उनके विचारों को पुनः जागृत करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा जनसंघ से लेकर आज तक भाजपा की विचारधारा सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता पर ही आधारित रही है। उन्होंने कहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का ध्येय था कि अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति जब सत्ता के सिंहासन पर बैठेगा, तभी अंत्योदय से राष्ट्रोदय का स्वप्न साकार होगा। उन्होंने कहा पहले श्री रामनाथ कोविंद जी और फिर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपति पद पर आसीन होना, उनके अंत्योदय के स्वप्न के साकार होने का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब ने अपने विचारों, ज्ञान और धैर्य से देश को नई दिशा प्रदान की। समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल है। उन्होंने जाति प्रथा के खिलाफ मजबूत आवाज उठाई थी। जिसके लिए देशवासी सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहेंगे। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता भारतीय गणराज्य के मूल स्तंभ को रखा। बाबा साहब ने ऐसे भारत की परिकल्पना की जिसमें सभी वर्गों को समान अधिकार, समान अवसर और समान गरिमा प्राप्त हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आधुनिक भारत की नींव पर चलकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नए भारत का निर्माण कर रहे हैं। बाबा साहेब की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर प्रधानमंत्री ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। सरकार द्वारा बाबा साहेब की स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को राष्ट्र चेतना के पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा आज़ादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ही सच्चे मन से दलितों और वंचितों के उत्थान के साथ उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित वर्ग के कल्याण हेतु आम बजट में वृद्धि की है। आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। दलित उत्पीड़न कानून 1989 को केंद्र सरकार ने संशोधित कर और सख्त बनाया है। स्टैंडअप इंडिया योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, आयुष्मान भारत जैसी अनेकों योजनाओं में भी गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता देते हुए उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने हेतु हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों को छात्रवृत्ति एवं राज्य में निशुल्क 15 छात्रावास, 5 आवासीय विद्यालय और 3 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था भी की गई है। राज्य सरकार ने प्रदेश में जातीय भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति के युवक या युवती से अंतर-जातीय विवाह करने पर 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के परिवारों की बेटियों के विवाह हेतु भी 50 हजार रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर सामाजिक न्याय और समरसता की स्थापना की दिशा में कदम उठाकर बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा निश्चित ही सभी को इस कार्यशाला के आगामी सत्रों में सम्मान अभियान से जुड़े सभी पहलुओं पर विस्तार से मार्गदर्शन प्राप्त होगा।

Advertisement

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, राज्यसभा सांसद डॉ. राधा मोहन अग्रवाल, महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

 

 

 

 

 

 

 

Advertisement

 

 

#AmbedkarJayanti #CMPushkarSinghDhami #SammanAbhiyanUttarakhand #SocialEqualityIndia #SCWelfareSchemes

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version