Dehradun

समान नागरिक संहिता और स्मार्ट मीटर के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन , किया विधानसभा कूच…..

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देहरादून : उत्तराखंड में लागू किए गए समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) और स्मार्ट मीटर के खिलाफ सैकड़ों कांग्रेसियों ने गुरुवार को विधानसभा कूच कर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में विधानसभा कूच किया और सरकार के खिलाफ विरोध जताया।

कांग्रेस कार्यकर्ता देहरादून के हिम पैलेस होटल के नजदीक एकत्रित हुए और पैदल मार्च निकालते हुए विधानसभा की ओर बढ़े। हालांकि, पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने उन्हें रिस्पना पुल से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इसके बाद नाराज कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान रंगकर्मियों द्वारा नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की गई, जिसमें समान नागरिक संहिता और स्मार्ट मीटर के विरोध में संदेश दिया गया।

नुक्कड़ नाटक के मंचन के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता बैरिकेडिंग लांघने की कोशिश करने लगे, जिसके बाद पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, ज्योति रौतेला समेत कई कांग्रेस नेता बैरिकेडिंग पर चढ़ गए और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।

समान नागरिक संहिता पर करन माहरा का कड़ा विरोध: करन माहरा ने समान नागरिक संहिता के तहत लिव इन रिलेशनशिप के प्रावधानों का कड़ा विरोध किया। उन्होंने विशेष रूप से इसके भाग 3 पर अपनी आपत्ति जताई। माहरा ने कहा, “सरकार एक तरफ माइनॉरिटी समुदाय के लिए बहुविवाह को प्रतिबंधित करती है, जबकि समान नागरिक संहिता के भाग 3 के तहत पॉलीगेमी को बढ़ावा देने का काम कर रही है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के इस कदम से बाहरी लोगों को एक साल के रहवास पर उत्तराखंड का निवासी बनाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। माहरा ने सरकार द्वारा दावा किए गए दो लाख लोगों से बातचीत का भी विरोध करते हुए कहा कि सरकार को इन दो लाख लोगों की सूची जारी करनी चाहिए।

जनमत संग्रह की बात: करन माहरा ने कहा कि राज्य की कांग्रेस पार्टी समान नागरिक संहिता के खिलाफ जनमत संग्रह कराने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी घर-घर जाकर फॉर्म वितरित करेगी और राज्यभर से एकत्रित किए गए डाटा को राष्ट्रपति को भेजेगी। उन्होंने इसे अनुच्छेद 44 का घोर उल्लंघन बताया और कहा कि यूसीसी के कई प्रावधानों में गलत नियम बनाए गए हैं।

 

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