Dehradun
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व अवैध कटान मामला: CBI जांच पूरी, अभियोजन की अनुमति को लेकर शासन पहुंची…
देहरादून, अप्रैल 29: उत्तराखंड के चर्चित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध पेड़ कटान और निर्माण मामले की जांच कर रही CBI ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब इस मामले में CBI ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति शासन से मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, CBI पिछले एक सप्ताह में दो बार सचिवालय जाकर अधिकारियों से मुलाकात कर चुकी है।
CBI ने पहले ही इस मामले से संबंधित जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी और अब कार्रवाई की अगली कड़ी में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी की जा रही है।
CBI की तेज़ी से बढ़ी हलचल
CBI अधिकारियों ने हाल ही में उत्तराखंड शासन के डिप्टी सेक्रेटरी और प्रमुख सचिव (वन) आर.के. सुधांशु से मुलाकात की। बताया गया कि इस दौरान जांच रिपोर्ट की कॉपी भी सौंपी गई। प्रमुख सचिव वन ने इस मुलाकात की पुष्टि की है।
हरक सिंह रावत भी जांच के घेरे में
इस मामले में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत से भी CBI पहले पूछताछ कर चुकी है। जांच एजेंसी ने वन विभाग और शासन स्तर पर तमाम दस्तावेजों को खंगालने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। अब माना जा रहा है कि जल्द ही चार अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
क्या है पूरा मामला?
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बिना अंतिम स्वीकृति के निर्माण कार्य शुरू किए गए थे और जिन पेड़ों की कटाई की अनुमति थी, उससे कहीं अधिक पेड़ काट दिए गए। यह मामला सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों के संज्ञान में है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच CBI को सौंपी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
मार्च 2023 में हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को “पब्लिक ट्रस्ट सिद्धांत को कूड़ेदान में फेंकने का उदाहरण” बताया था। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने तत्कालीन मंत्री और DFO किशनचंद की भूमिका पर कड़ी टिप्पणी की थी।
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