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रोमांस का खतरनाक खेल: जानिए क्यों बढ़ रहे हैं युवा प्रेमी-प्रेमिकाओं के बीच खतरनाक रुझान !
Girls crossing all limits during romance: अब वो दिन गए जब कॉलेज के लड़के सालों लग जाते थे किसी लड़की से बात करने में। आजकल, स्कूल और कॉलेजों में एक नया और खतरनाक किस्म का रोमांस बढ़ता जा रहा है। अब लड़के नहीं, बल्कि लड़कियां पहल करने लगी हैं और अपने स्कूल के दिनों से ही संबंध बनाने के लिए सीमा से आगे बढ़ने लगी हैं। पहले प्यार और रोमांस का मतलब केवल एक-दूसरे के साथ समय बिताने और भावनाओं को साझा करने तक ही सीमित था, लेकिन अब डिजिटल युग में यह सब कुछ बदल चुका है।
आजकल के टीनएज रोमांस में कोई बंधन नहीं है कि एक से प्यार करना है या कई लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाना है। पहले यह सब अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में देखा जाता था, लेकिन अब इंटरनेट के ज़रिए यह ट्रेंड हर देश और हर युवा तक पहुंचने लगा है।
रिपोर्ट में खुलासा:
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में कम उम्र की लड़कियां आक्रामक रूप से यौन संबंध बनाने लगी हैं। हाई स्कूल और कॉलेजों में किए गए शोध में यह पाया गया है कि अब लड़कियां अपने पार्टनर का गला दबाने में आनंद लेती हैं। खासतौर पर 12 से 17 साल के बीच की उम्र के युवाओं में यह ट्रेंड तेज़ी से बढ़ रहा है। एक हालिया सर्वे में पाया गया कि दो तिहाई लड़कियां अपने पार्टनर का गला दबाती हैं, जबकि इनमें से एक चौथाई ने यह कदम पहली बार उठाया।
डॉ. हारबेनिक, जो यौन व्यवहार पर रिसर्च करती हैं, कहती हैं कि इस तरह की गतिविधियां अत्यंत खतरनाक हो सकती हैं। इंटीमेसी के दौरान गला दबाने से ब्रेन में ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे स्ट्रोक का खतरा हो सकता है। यह भी देखा गया है कि पिछले कुछ सालों में, 2020 से इस प्रकार के खतरनाक ट्रेंड की शुरुआत हुई है।
कैसे पोर्नोग्राफी का असर बढ़ा:
डॉ. हारबेनिक ने बताया कि एक मुख्य कारण यह है कि आजकल पोर्नोग्राफी का इस्तेमाल सामान्य हो गया है। मुफ्त में उपलब्ध होने के कारण अब मोबाइल पर यह किसी भी उम्र के बच्चों के लिए सुलभ है। टीनएजर्स इसे देख कर वास्तविक जीवन में इसे अपनाने की कोशिश करते हैं। यौन शिक्षा का डिफॉल्ट स्रोत अब मोबाइल बन चुका है, और टीनएज युवा पोर्न के बर्ताव को सामान्य मानने लगे हैं, भले ही वह व्यवहार वास्तविक नहीं होता।
क्यों हो रहा है यह बदलाव?
डॉ. हारबेनिक के अनुसार, जब कोई चीज़ डरावनी या अजीब लगती है, तो लोग उसकी ओर आकर्षित होते हैं। यही कारण है कि पोर्नोग्राफी में दिखाए गए व्यवहार, जैसे गला दबाने या अन्य खतरनाक यौन क्रियाएँ, टीनएजर्स में आकर्षण पैदा करती हैं। पहले ये बातें युवा सिर्फ पोर्न या फिक्शनल मीडिया में ही देखते थे, लेकिन अब यह वास्तविक जीवन में भी देखने को मिल रहा है।
टीनएज रोमांस में बदलाव केवल शारीरिक संबंधों तक ही सीमित नहीं है। यह एक सांस्कृतिक बदलाव का हिस्सा है, जो डिजिटल युग और पोर्नोग्राफी के असर से हुआ है। ऐसे खतरनाक ट्रेंड्स से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए अभिभावकों, शिक्षकों और समाज को मिलकर प्रयास करना होगा, ताकि वे इन खतरनाक रास्तों से बच सकें और स्वस्थ संबंधों की ओर बढ़ सकें।
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