देहरादून – उत्तराखंड में रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) का कार्यकाल चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। अब यह एसआईटी 28 फरवरी 2025 तक सक्रिय रहेगी। इस दौरान, एसआईटी ने लगभग 30 मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें से लगभग 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
यह फर्जीवाड़ा पिछले वर्ष जिलाधिकारी की जनसुनवाई कार्यक्रम में आई एक शिकायत के बाद सामने आया था। शिकायत में बताया गया था कि भू-माफिया ने देहरादून की बेशकीमती जमीनों के दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर इन्हें अवैध रूप से बेच दिया है। जब जांच बढ़ी, तो इसमें देहरादून के कई नामी अधिवक्ताओं की भी संलिप्तता पाई गई, जिनमें से कुछ को गिरफ्तार किया गया है।
25 जुलाई को, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के तहत एक तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था। इसके बाद से लगातार 150 से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुई हैं। पहले एसआईटी के कार्यकाल को 16 मार्च को बढ़ाकर 30 सितंबर 2024 किया गया था, और अब राज्यपाल की स्वीकृति के बाद इसे फिर से बढ़ाकर 28 फरवरी 2025 तक कर दिया गया है।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की जांच कर रहा है, जिससे यह साफ है कि मामले में व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने नए आदेश जारी कर एसआईटी के कार्यकाल के विस्तार की जानकारी दी।
#RegistryFraud, #SITInvestigation, #Dehradun, #ExtendedTenure, #LegalComplaints, #uttarakhand