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देहरादून: नवनियुक्त डीजीपी दीपम सेठ ने की प्राथमिकताएं स्पष्ट, साइबर सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को मिलेगा खास ध्यान !

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देहरादून: उत्तराखंड के नए नवनियुक्त पुलिस प्रमुख, डीजीपी दीपम सेठ ने पदभार संभालने के बाद राज्य की पुलिसिंग को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक साइबर सुरक्षा और यातायात प्रबंधन हैं, जिन्हें वे अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करेंगे। इन दोनों क्षेत्रों में सुदृढ़ कार्ययोजना तैयार कर इन समस्याओं से निपटा जाएगा।

डीजीपी ने यह भी कहा कि सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए एक नई और सुदृढ़ कार्ययोजना बनाई जाएगी। उनके अनुसार, राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा और अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। “प्रदेश की कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जाएगा,” डीजीपी सेठ ने कहा।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रदेश में आपदा प्रबंधन में भी सुधार की आवश्यकता है, और इस पर विस्तार से चर्चा कर नई रणनीतियां तैयार की जाएंगी। इसके साथ ही, पुलिसिंग को और अधिक पारदर्शी और जनहितैषी बनाने के लिए पुलिसिंग के तरीके में बदलाव लाया जाएगा, ताकि यह पीड़ित केंद्रित हो सके।

महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
डीजीपी ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष पहल करने की बात कही। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो पुलिस इस दिशा में काम कर रही है, उसकी समीक्षा की जाएगी और इसे और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।

दीपम सेठ का परिचय
दीपम सेठ का जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शेरवुड कॉलेज, नैनीताल से की और इसके बाद बिट्स पिलानी से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1995 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए चयनित हुए। बाद में उन्होंने पुलिस प्रबंधन में मास्टर डिग्री प्राप्त की और 2022 में IIT रुड़की से पीएचडी की।

दीपम सेठ की प्रमुख नियुक्तियां
दीपम सेठ ने अपनी पुलिस सेवा के दौरान कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। वह एसपी टिहरी, कमांडेंट पीएसी (मेरठ), और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन कोसोवो में प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम कर चुके हैं। इसके बाद, वह एसएसपी नैनीताल और डीआईजी गढ़वाल रेंज के रूप में तैनात रहे। 2019 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आईटीबीपी में नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर के आईजी बने और हाल ही में वह एडीजी एसएसबी के पद पर कार्यरत थे।

प्रमुख सम्मान

  • 1996: भूमानंद मिश्रा मेमोरियल ट्रॉफी और एस्पीरेट डी कॉप्स मेडल।
  • 2004: कोसोवो में संयुक्त राष्ट्र सेवा के लिए पदक।
  • 2011: सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक।
  • 2021: राष्ट्रपति के पुलिस पदक के लिए विशिष्ट सेवाएं।
  • 2020 और 2021: डीजी इंसिग्निया एंड कमेंडेशन रोल में सिल्वर और गोल्ड मेडल।
  • 2021: लद्दाख में सेवा के दौरान हाई एल्टीट्यूड मेडल और गृह मंत्री का स्पेशल ऑपरेशन मेडल।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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