चमोली : ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र में अवस्थापना विकास और आवश्यक सुविधाओं के निर्माण को लेकर जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा तैयार किए गए प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिनसे क्षेत्र के समग्र विकास में मदद मिलेगी।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने सभी विभागों को आगामी 25 वर्षों के हिसाब से कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से पीडब्ल्यूडी को निरीक्षण भवन के विस्तारीकरण और सिमली मिल्क प्लांट के अपग्रेडेशन के प्रस्ताव तैयार करने को कहा। यूपीसीएल को विद्युत तारों को अंडरग्राउंड करने के प्रस्ताव पर कार्य करने के लिए कहा गया, जिससे बिजली की आपूर्ति में सुधार हो सके।
इसके अलावा, शिक्षा विभाग को गैरसैंण में एक लाइब्रेरी के प्रस्ताव पर विचार करने का निर्देश दिया, जो क्षेत्रीय शिक्षा को बढ़ावा देगा। नगर पंचायत और पेयजल विभाग को रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की सुविधा स्थापित करने के लिए प्रस्ताव बनाने को कहा गया, जिससे जल संचयन और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिले।
खण्ड विकास अधिकारी को शहर के ड्रेनेज सिस्टम और सौंदर्यीकरण पर प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके साथ ही, सरकारी भवनों और दुकानों की कलर कोडिंग करने का भी निर्देश दिया गया, जिससे शहर की पहचान में एक नया रंग मिलेगा।
सिंचाई विभाग को आपदा से प्रभावित खनसर घाटी के गदेरों के लिए सुरक्षात्मक दीवारों के निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया गया। कृषि एवं लघु सिंचाई विभाग को जल संरक्षण और सिंचाई के लिए कंबाइंड प्लान बनाने की जिम्मेदारी दी गई।
चिकित्सा विभाग को भराड़ीसैण में एक अत्याधुनिक चिकित्सालय स्थापित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिस पर जिलाधिकारी ने इसे रिवाइज्ड कर एक्स-रे, वेंटीलेटर, ईसीजी सहित अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों को शामिल करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, ट्राजिट हॉस्पिटल के निर्माण के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने को कहा।
इसके अतिरिक्त, जिलाधिकारी ने “हाउस ऑफ हिमालय” थीम पर ग्रोथ सेंटर के निर्माण के प्रस्ताव पर चर्चा की, जिसमें स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और पैकेजिंग की जा सके। साथ ही, एनएच को सिमली-कर्णप्रयाग सड़क के मरम्मत और सफाई कार्यों के लिए निर्देशित किया।
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इस बैठक में सभी विभागों को निर्धारित समयसीमा में अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया ताकि ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के समग्र विकास में कोई रुकावट न आए।