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लगातार मॉनिटरिंग और ग्राउंड जीरो पर मुख्यमंत्री धामी के बार-बार जाने से कार्यों में आई तेज़ी, सोनप्रयाग में बाधित सड़क मार्ग को खोलने के लिए कार्य शुरू।

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श्री केदारनाथ धाम की यात्रा को पुनः संचालित करने के लिए सोनप्रयाग में बाधित सड़क मार्ग को खोलने के लिए कार्य शुरू

लगातार मॉनिटरिंग और ग्राउंड जीरो पर मुख्यमंत्री धामी के बार-बार जाने से कार्यों में आई तेज़ी

श्री केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग में क्षतिग्रस्त हुए मार्ग को विषम कठिन परिस्थितियों में बाधित यात्रा मार्ग को खोलने के लिए तत्परता से कार्य किया जा रहा है

केदारनाथ धाम से छोटी लिनचोली तक क्षतिग्रस्त पैदल यात्रा मार्ग को आवाजाही हेतु कर दिया गया है सुचारू

रुद्रप्रयाग – विगत दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारघाटी में 31 जुलाई को आपदा के कारण हुए नुकसान एवं राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लेते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द जनजीवन सामान्य बनाने के निर्देश दिए गए थे तथा क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्ग एवं पैदल यात्रा मार्ग में अवरुद्ध यात्रा मार्ग को तत्परता से दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए थे।


अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह ने अवगत कराया है कि मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच जो डेढ मीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गया था जिसे खोलने के लिए पोकलैंड मशीन के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग खोलने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही सोनप्रयाग पुल के पास जो सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी उसका पुश्ता निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है।


अधिशासी अभियंता डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने अवगत कराया है कि केदारनाथ पैदल मार्ग कई स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गया है तथा लगभग 15 स्थान ऐसे हैं जहां पैदल सड़क मार्ग पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने के लिए मजदूरों द्वारा विषम कठिन परिस्थितियों में मरम्मत एवं निर्माण कार्य निरंतर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम से छोटी लिनचोली तक क्षतिग्रस्त पैदल यात्रा मार्ग को आवाजाही हेतु सुचारू कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मजदूरों द्वारा क्षतिग्रस्त केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग को खोलने के लिए कार्य त्वरित गति से किया जा रहा है किन्तु मौसम साथ न देने के कारण मजदूरों की सुरक्षा के दृष्टिगत कार्य निरंतर नहीं हो पा रहा है।

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