नई दिल्ली: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप की संभावित जीत के बाद क्रिप्टोकरेंसी बाजार में तूफानी तेजी देखी जा रही है। बिटकॉइन ने पहली बार 75,000 डॉलर का आंकड़ा पार किया है, जो इसके इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। क्रिप्टोकरेंसी निवेशक मानते हैं कि ट्रंप की नीतियां बिटकॉइन और अन्य डिजिटल करेंसी के लिए लाभकारी हो सकती हैं, जिसके चलते बाजार में उछाल आया है।
ट्रंप ने अमेरिका को क्रिप्टो कैपिटल बनाने का दावा किया
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी चुनावी जनसभाओं में बार-बार अमेरिका को क्रिप्टो कैपिटल बनाने का वादा किया था। इस दौरान उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों, खासकर युवा वर्ग को आकर्षित करने का प्रयास किया। ट्रंप के साथ उनके कट्टर समर्थक और टेस्ला के मालिक एलन मस्क भी क्रिप्टोकरेंसी के बड़े समर्थक रहे हैं। मस्क ने अपनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में भारी निवेश किया है, जिसमें बिटकॉइन, इथेरियम, डॉगेकॉइन और शिबाइनु जैसी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं।
अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और यह अब देश की कुल आबादी का लगभग 16 प्रतिशत है। इस समूह के चुनावी नतीजों पर असर डालने की संभावना जताई जा रही है, जिससे ट्रंप के लिए क्रिप्टोकरेंसी को एक अहम मुद्दा बना दिया है।
बिटकॉइन की कीमतों में अभूतपूर्व उछाल
आज बिटकॉइन की कीमतों में 9 फीसदी से अधिक का उछाल आया है और यह पहली बार 75,000 डॉलर के पार पहुंची है। हालांकि, थोड़ी देर बाद इसमें करेक्शन हुआ और सुबह 10 बजे तक बिटकॉइन की कीमत 74,263.27 डॉलर रही, जो अभी भी 7.03 फीसदी अधिक है। पिछले एक महीने में बिटकॉइन की कीमत में 20.28 फीसदी का इजाफा हुआ है, वहीं पिछले एक साल में इसकी कीमतों में 112 फीसदी की भारी बढ़त दर्ज की गई है।
क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर सवाल और संभावना
बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती कीमतों को लेकर विशेषज्ञों की राय मिश्रित है। जहां एक ओर कुछ लोग इसे एक बुल रन मान रहे हैं, वहीं कुछ इस उछाल को बाजार में अस्थिरता और अनिश्चितता का परिणाम भी मानते हैं। कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगा दी है, जबकि अन्य इसे स्वीकारने के लिए तैयार हो रहे हैं। हालांकि, निवेशकों का मानना है कि ट्रंप की नीतियां क्रिप्टोकरेंसी को और अधिक मजबूत कर सकती हैं।
क्या होती है बिटकॉइन?
बिटकॉइन दुनिया की सबसे प्रमुख और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है। इसे वर्चुअल करेंसी या डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। बिटकॉइन पूरी तरह से ऑनलाइन आधारित है और इसका कोई फिजिकल रूप नहीं होता। इसका इस्तेमाल उत्पादों या सेवाओं के लिए किया जा सकता है, लेकिन वर्तमान में इसे स्वीकार करने वाले प्लेटफॉर्म्स की संख्या सीमित है। कुछ देशों ने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी भी लगा रखी है, जबकि अन्य देशों में इसके उपयोग को वैध कर दिया गया है।
निवेशकों के लिए अवसर
ट्रंप की संभावित जीत और क्रिप्टोकरेंसी बाजार में लगातार बढ़ती कीमतों को देखते हुए निवेशकों को बड़ा लाभ होने की संभावना है। हालांकि, क्रिप्टो बाजार की अस्थिरता को देखते हुए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशक सावधानी से निवेश करें और बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए लंबी अवधि के निवेश की रणनीति अपनाएं।