Uttarakhand

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट: साल-दर-साल बढ़ रही बिजली की मांग, एक तिहाई भी नहीं है उपलब्धता।

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देहरादून – प्रदेश में बिजली की मांग साल-दर-साल बढ़ती जा रही है, जिसके सापेक्ष उपलब्धता एक तिहाई भी नहीं है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022-23 में 1543 करोड़ यूनिट मांग के सापेक्ष 543.3 करोड़ यूनिट ही उपलब्ध थी। बाकी बाजार से खरीदनी पड़ी। इसी प्रकार, इस वित्तीय वर्ष दिसंबर 2023 तक 1182 करोड़ यूनिट के सापेक्ष 419 करोड़ यूनिट बिजली का ही उत्पादन हुआ। बाकी बाजार से खरीदी गई।

राज्य में 64 प्रतिशत बिजली बिलों का भुगतान अब लोग घर बैठे डिजिटल माध्यम से कर रहे हैं। इससे यूपीसीएल को 80 प्रतिशत कमाई हो रही है। ऑनलाइन बिल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए यूपीसीएल 1.5 प्रतिशत छूट भी दे रहा है।

प्रदेश में प्रीपेड स्मार्ट मीटर समेत कई आधुनिकीकरण के काम होंगे, जिससे लाइन लॉस 12 से 15 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है। इसके तहत 15.84 लाख घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगेंगे। 2602 फीडर मॉनिटर, 59212 ट्रांसफार्मर के मीटर, 3334 एचटी उपभोक्ताओं के मीटर लगाए जाएंगे। हल्द्वानी, नैनीताल की बिजली लाइनों को भूमिगत किया जाएगा। नए सब स्टेशन बनेंगे। वहीं, एडीबी के सहयोग से दून की मुख्य मार्गों की एचटी, एलटी लाइनों को भूमिगत किया जाएगा। तीन नए सब स्टेशन बनाए जाएंगे।

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