Uttarakhand

पौड़ी में बनेगी चार किमी लंबी सुरंग, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मिली सैद्धांतिक मंजूरी।

Published

on

देहरादून – पौड़ी शहर को जाम के झाम से मुक्ति दिलाने के लिए बाईपास करने की तैयारी है। इसके लिए पौड़ी से पहले प्रेमनगर नामक स्थान से एक चार किमी लंबी सुरंग बनाई जाएगी। जो पौड़ी से आगे घोड़ीखाल में पार होगी। करीब 800 करोड़ रुपये की इस परियोजना को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

अब परियोजना की डीपीआर बनाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी। पौड़ी के प्रेमनगर से लेकर घोड़ीखाल तक करीब 18 किमी क्षेत्र में घनी आबादी, संकरा बाजार और विकट भौगोलिक परिस्थितियां हैं। यहां पहले सड़क चौड़ीकरण की संभावनाओं पर विचार किया गया, लेकिन इसकी जद में तमाम आवास, दुकान, बस अड्डा, लक्ष्मी नारायण मंदिर का मुख्य गेट और कई हेरिटेज बिल्डिंग के साथ करीब 500 प्रतिष्ठान आ रहे थे।

इसके बाद लोनिवि एनएच डिवीजन ने शासन के माध्यम से प्रेमनगर के पास गडोलिया से लेकर घोड़ीखाल तक सुरंग बनाने का प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेजा था। यह सुरंग एनएच 534 (एनएच 119 पुराना) पर बनाई जाएगी। जो श्रीनगर से प्रेमनगर, पौड़ी, बुआखाल, घोड़ीखाल, ज्वालपा देवी, सतपुली, कोटद्वार, नजीबाबाद होते हुए मेरठ पहुंचती है।

यह सड़क चारधाम यात्रा के वैकल्पिक मार्ग के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। सुरंग के बन जाने से घंटों की दूरी कुछ मिनटों में पूरी हो पाएगी। सुरंग बन जाने से श्रीनगर से कोटद्वार की ओर जाने वाले वाहन गडोलिया प्रेमनगर से सीधे घोड़ीखाल निकल जाएंगे।

सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे पौड़ी बाजार को बचाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी ने प्रेमनगर के पास वर्षों पहले छह किमी लंबे बाईपास का निर्माण कराया था। जो बुआखाल से पास पहुंचता है। बाईपास की सड़क की पूरी कटिंग होने के साथ ही डामरीकरण को लेकर बजरी भी बिछाई जा चुकी थी। लेकिन वन क्षेत्र होने के कारण इसमें एनजीटी ने रोक लगा दी थी। इसके बाद से बाईपास का काम पूरा नहीं हो पाया। इसलिए इस सड़क का लाभ भी लोगाें को नहीं मिल पा रहा है।

पौड़ी में सुरंग निर्माण के लिए मोर्थ ने सैद्धांतिक मंजूरी दी है। अब फिजिबिलिटी स्टडी, डीपीआर बनाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी। चार किमी सुरंग निर्माण के बाद पौड़ी शहर में जाम की समस्या का समाधान हो जाएगा। इससे वाहन चालकों के समय और निधन की बचत भी होगी।

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version