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कैंची धाम सुरंग निर्माण पर भौगोलिक संकट, अब नए वैकल्पिक मार्ग पर जोर !

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नैनीताल: नैनीताल जिले में कैंची धाम के पास सुरंग बनाने की योजना को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग द्वारा मंदिर से कुछ पहले सुरंग बनाने का प्रस्ताव रखा गया था, ताकि भवाली-अल्मोड़ा मार्ग पर बढ़ते यातायात दबाव को कम किया जा सके और एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराया जा सके। लेकिन, तकनीकी और भौगोलिक कारणों के चलते यह योजना अब आगे नहीं बढ़ पाएगी।

सुरंग निर्माण योजना पर क्यों पड़ा संकट ?
जिन स्थानों पर सुरंग बनाने का प्रस्ताव था, वहां की चट्टानों के कमजोर होने समेत कई अन्य भौतिक बाधाएं सामने आई हैं। इसके अलावा, टनल का दूसरा सिरा भवाली-अल्मोड़ा मार्ग पर खुलता है, जो पहले से ही जाम से जूझ रहा है। ऐसे में सुरंग बनाने की योजना पर आगे कोई प्रगति होने की संभावना फिलहाल कम है।

हरतपा मार्ग पर उम्मीदें
अब इस सुरंग योजना के विकल्प के रूप में हरतपा इलाके से गुजरने वाली सड़क के विस्तार पर ध्यान दिया जा रहा है। नैनीताल प्रशासन ने इस मार्ग को सात किमी और बढ़ाने की योजना बनाई है, ताकि यह अल्मोड़ा-भवाली मार्ग के रातीघाट से जुड़ सके। इससे भवाली और अल्मोड़ा जाने वाले यात्री आसानी से पहुंच सकेंगे, साथ ही कैंची धाम आने वाले श्रद्धालुओं को भी राहत मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री अजय टम्टा ने बताया कि सुरंग का निर्माण अब संभव नहीं हो पा रहा है और इस संबंध में अन्य वैकल्पिक मार्गों पर विचार किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग के मुख्य अभियंता दयानंद ने बताया कि जिस स्थान पर सुरंग बनाई जानी थी, वहां की चट्टानें बहुत कमजोर हैं, जिससे सुरंग बनाने में गंभीर तकनीकी समस्याएं आ रही हैं।

नए मार्गों पर काम जारी
इस बीच, लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) हरतपा मार्ग पर पांच किमी सड़क का निर्माण कर रहा है, जिसे सात किमी और बढ़ाकर रातीघाट तक पहुंचाया जाएगा। इस वैकल्पिक मार्ग के बनने से भवाली-अल्मोड़ा मार्ग पर ट्रैफिक दबाव को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, नदी की दूसरी तरफ से भी एक अन्य मार्ग बनाने का प्रस्ताव है, जिस पर काम जारी है।

अधिकारियों का कहना है कि इन नए मार्गों के बनने से भवाली और अल्मोड़ा जाने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी, साथ ही कैंची धाम आने वाले श्रद्धालुओं को भी ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिल सकती है। फिलहाल, लोनिवि और अन्य संबंधित विभाग इन वैकल्पिक मार्गों पर काम कर रहे हैं और इसके सफलतापूर्वक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

कैंची धाम में दर्शन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और अब यह जरूरी हो गया था कि यहां आने-जाने के लिए एक बेहतर और वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जाए। सुरंग योजना के असफल होने के बावजूद, अब नए मार्गों के निर्माण पर प्रशासन की पूरी नजर टिकी हुई है।

 

 

 

 

 

 

 

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