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जोशीमठ में तेजी से चल रहा जियो टेक्निकल सर्वे का कार्य, जमीन के अंदर से लिए जा रहे सैंपल, 48 मीटर के बाद मिली चट्टान।

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जोशीमठ – भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र जोशीमठ में जियो टेक्निकल सर्वे तेजी से किया जा रहा है। अलग-अलग जगहों पर चल रहे सर्वे में जमीन के अंदर से लिए जा रहे सैंपल की लैब में जांच की जाएगी, जिसके बाद यह पता चल पाएगा कि जोशीमठ के अंदर चट्टानें कितनी मजबूत हैं।

रिपोर्ट के आधार पर सरकार जोशीमठ के संबंध में आगे का निर्णय लेगी। नगर में नीदरलैंड की फुगरो कंपनी के साथ ही दिल्ली की खन्ना एसोसिएशन की ओर से सर्वे किया जा रहा है। अब मारवाड़ी में 48 मीटर तक डि्रल करने के बाद चट्टान मिली है जिसके सैंपल लिए गए हैं।

जोशीमठ में पिछले साल जनवरी में हुए भू-धंसाव के बाद यहां पर लोक निर्माण विभाग की ओर से जमीन के अंदर चट्टानों की मजबूती को जांचने के लिए जियो टेक्निकल सर्वे कराया जा रहा है। नीदरलैंड की मुंबई बेस फुगरो कंपनी यहां पर नवंबर माह से सर्वे कर रही है। कंपनी की ओर से सुनील वार्ड, मनोहर बाग वार्ड और सिंहधार वार्ड में सर्वे कर लिया गया है। सुनील वार्ड में गहराई में चट्टान नहीं मिली है जबकि मनोहर बाग और सिंहधार वार्ड में डि्रल करने पर चट्टान मिल चुकी थी।

अब कंपनी गांधीनगर वार्ड में सर्वे कर रही है। जबकि खन्ना एसोसिएशन दिल्ली की कंपनी मारवाड़ी वार्ड के अंतर्गत मारवाड़ी पुल के पास सर्वे कर रही है। यह स्थान अलकनंदा के ठीक ऊपर और जोशीमठ नगर के निचले क्षेत्र में स्थित है।

यहां पर 48 मीटर तक डि्रल करने के बाद चट्टान मिली है जिसके सैंपल लिए गए हैं। अब क्षेत्र के दूसरे हिस्से में सर्वे किया जाएगा। जहां-जहां सर्वे कार्य किया गया है वहां से लिए गए सैंपलों को लैब में जांच के लिए भेजा जा रहा है। रिपोर्ट में पता चल पाएगा कि जमीन के अंदर जो चट्टानें हैं वह कितनी मजबूत हैं।

नगर में अभी तक चार जगहों पर सर्वे कार्य कर लिया गया है। जमीन के अंदर से लिए गए सैंपल को जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। लैब से रिपोर्ट आने के बाद उसे सरकार को सौंप दिया जाएगा।

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