नई दिल्ली: हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस अवसर पर मुरलीधर को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय खाने की चीजों को भोग में शामिल किया जाता है।
गोवर्धन पूजा में भोग का महत्व
इस पूजा में भोग के लिए निम्नलिखित सामग्रियों को शामिल करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है:
- माखन मिश्री: मुरलीधर की माखनचोरी की कई कथाएं प्रचलित हैं। उन्हें माखन बहुत प्रिय था, इसलिए माखन-मिश्री का भोग अवश्य लगाएं।
- कढ़ी चावल और अन्नकूट: कढ़ी-चावल का भोग भी विशेष रूप से तैयार किया जा सकता है। मान्यता है कि अन्नकूट का भोग लगाने से घर में सुख, संपदा और समृद्धि आती है, और श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं।
- खीर, रसगुल्ला और जलेबी: इसके अलावा, खीर, रसगुल्ला, जलेबी, रबड़ी, जीरा-लड्डू और मालपुआ जैसे मिठाइयों का भोग भी मुरलीधर को अति प्रिय है।
- पंचामृत और गोघृत: पंचामृत, गोघृत, शक्कर पारा, और मठरी जैसे व्यंजन भी भोग में शामिल करने से लाभकारी माने जाते हैं।
गोवर्धन पूजा मुहूर्त 2024
पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा का मुहूर्त 2024 में 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा और यह 02 नवंबर को रात 08 बजकर 21 मिनट तक चलेगा। उदयातिथि के चलते अन्नकूट पूजा 02 नवंबर को मनाई जाएगी।