दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव ऑनलाइन बेटिंग मामले के मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच करते हुए प्रमुख स्टॉक पोर्टफोलियो ब्रोकर गोविंद केडिया को गिरफ्तार किया है। ED सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान यह जानकारी प्राप्त हुई है कि केडिया अवैध पैसों को भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर रहा था, जो महादेव बेटिंग एप से जुड़े थे। केडिया को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है और वह एक स्टॉक पोर्टफोलियो मैनेजमेंट फर्म का मालिक है।
गोविंद केडिया को शनिवार (7 दिसंबर) को रायपुर स्थित विशेष PMLA कोर्ट में पेश किया गया, जहां ED ने उसकी 14 दिन की कस्टडी की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने केडिया को 5 दिन की ED कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है। ED के अनुसार, केडिया महादेव बेटिंग एप के प्रमोटरों में से एक था और विकास छापरिया के साथ उसका करीबी संबंध था, जो इस मामले का प्रमुख आरोपी है।
ED का बड़ा दावा
ED का कहना है कि केडिया और छापरिया मिलकर बेटिंग के जरिए मिले अवैध पैसों को भारतीय शेयर बाजार में निवेश करते थे। इसके लिए केडिया ने परफेक्ट प्लान इन्वेस्टमेंट एलएलपी, एक्जिम जनरल ट्रेडिंग एफजेडसीओ और टेकप्रो आईटी सॉल्यूशंस जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल किया। इसके साथ ही, इन अवैध पैसों के रूट को छिपाने के लिए फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट (FPI) के रास्ते का सहारा लिया गया।
160 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त
ED ने केडिया के खिलाफ 160 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है, जो उसकी डीमैट होल्डिंग्स में पाई गई। पिछले साल केडिया के परिसरों की तलाशी के दौरान ED ने 18 लाख रुपये की भारतीय करंसी, 13 करोड़ रुपये का सोना और ज्वेलरी जब्त की थी। इसके अलावा, जांच में यह भी सामने आया कि केडिया का संबंध टेकप्रो आईटी सॉल्यूशंस लिमिटेड के मेजर शेयरहोल्डर नितिन टिबरेवाल से है। टिबरेवाल पर आरोप है कि उसने महादेव ऑनलाइन बेटिंग के लिए कंपनी का इस्तेमाल किया और अवैध पैसों को विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट के जरिए शेयर बाजार में निवेश किया।
ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलने में केडिया की भूमिका
ED का कहना है कि नितिन टिबरेवाल ने इलीगल बेटिंग से कमाए पैसों को शेयर ट्रेडिंग के जरिए व्हाइट मनी में बदला और इस प्रक्रिया में केडिया की महत्वपूर्ण भूमिका थी। ED के अनुसार, केडिया ने टिबरेवाल की मदद से इस मनी लॉन्ड्रिंग के नेटवर्क को मजबूत किया और अवैध धन को कानूनी रूप से सफेद किया।
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