हल्द्वानी: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक बुजुर्ग रामनिवास के साथ एक गंभीर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें उनके पुराने दोस्त ने 33 साल पहले बनवाए गए मकान को उनके बिना अनुमति के बेच दिया। मामला 21 साल पहले शुरू हुआ, जब रामनिवास व्यापार में घाटे के चलते अपने घर हाथरस लौटे थे और मकान की देखभाल के लिए इसे अपने दोस्त विजय पाठक के पास सौंप दिया था।
पिछले साल जब रामनिवास घर लौटे, तो उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि उनका मकान अब किसी और के कब्जे में था। मकान में रहने वाले राजबहादुर ने बताया कि उन्होंने यह मकान खरीदा है, और जब रामनिवास ने इसके दस्तावेज चेक किए तो पता चला कि विजय पाठक और उसकी मां ने उनके नाम से एक फर्जी इकरारनामा तैयार कर इसे बेच दिया था। इकरारनामा 3 फरवरी 2004 को बनाया गया था और घर का सामान भी गायब था।
रामनिवास ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ लम्बे समय तक थाने में शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, और अब कोर्ट के आदेश पर हल्द्वानी कोतवाली पुलिस ने विजय पाठक, उसकी मां राजेश्वरी पाठक और मकान खरीदने वाले राज बहादुर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इसके अलावा, एक अन्य धोखाधड़ी का मामला भी हल्द्वानी में सामने आया है, जिसमें जसविंदर सिंह ने अपनी पत्नी के नाम पर 1332 स्क्वायर फुट का प्लॉट खरीदा था, लेकिन जमीन का सौदा धोखाधड़ी से हुआ। जसविंदर ने जब अपनी रकम वापस मांगी, तो उन्हें बाउंस हुआ चेक मिला। पुलिस की ओर से सुनवाई न होने पर उन्होंने कोर्ट का रुख किया और कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने इस मामले में भी प्राथमिकी दर्ज की है।
दोनों मामलों में पुलिस अब जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
#Safekeeping, #Fakeagreement, #Housesale, #Fraudcase, #Courtorder, #haldwani, #uttarakhand