प्रयागराज: महाकुंभ के सेक्टर 19 में रविवार को हुए भयावह अग्निकांड में 280 कॉटेज जलकर राख हो गए। श्रीकरपात्र धाम वाराणसी और गीता प्रेस गोरखपुर के शिविर में लगी आग से मेला क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। घटना के दौरान शिविर में रखे 13 एलपीजी सिलिंडर फट गए, जिससे धमाकों की गूंज दूर-दूर तक सुनाई दी। हादसे में पांच बाइकें और पांच लाख रुपये की नकदी जल गई, जबकि हरियाणा, सिलीगुड़ी और प्रतापगढ़ के तीन श्रद्धालु झुलस गए। भगदड़ में दो अन्य लोग भी घायल हो गए।
आग लगने की घटना और बचाव कार्य
रविवार दोपहर करीब चार बजे श्रीकरपात्र धाम के एक कॉटेज से धुआं उठने के बाद आग फैलने लगी। तेज हवा के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और 15 मिनट के भीतर पांच हजार स्क्वायर फीट में फैले शिविर के 280 कॉटेज जलने लगे। इस दौरान सिलिंडरों के लगातार फटने से आग और भयावह हो गई। मौके पर पहुंची 35 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों, पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
सीएम योगी पहुंचे घटनास्थल
आग बुझने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ तीन मंत्री भी मौजूद थे। सीएम ने राहत कार्यों की समीक्षा की और प्रशासन को पीड़ितों की हरसंभव मदद के निर्देश दिए।
2.5 करोड़ का अनुमानित नुकसान
मेला प्रशासन ने घटना में 40 झोपड़ियां और छह टेंट जलने की बात कही है, जबकि नुकसान का अनुमान 2.5 करोड़ रुपये से अधिक बताया जा रहा है। गनीमत रही कि गीता प्रेस के एक करोड़ रुपये के धर्मग्रंथ सुरक्षित रहे।
आग के पीछे क्या कारण?
अग्निकांड के कारणों का पता नहीं चल सका है, लेकिन चर्चा है कि शिविर में 50 से अधिक सिलिंडर रखे थे। आग लगने का कारण कॉटेजों में सिलिंडरों का अधिक संख्या में रखा जाना और तेज हवा को माना जा रहा है।
साधु-संतों की मदद और सांत्वना
आग लगने के बाद महाकुंभ मेले के साधु-संतों ने गीता प्रेस के ट्रस्टी और पीड़ितों को सांत्वना दी। उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। गीता प्रेस के ट्रस्टी कृष्ण कुमार खेमका ने आग को प्रशासनिक लापरवाही बताया और कहा कि भगवान ने धर्मग्रंथों को बचा लिया।
तेज हवा ने बढ़ाई आग की भयावहता
घटना के दौरान तेज हवा ने आग को और भड़काने में बड़ी भूमिका निभाई। शिविर में रखे सिलिंडरों के फटने से आग तेजी से फैल गई। राहत कार्य के दौरान हवा ने आग बुझाने में भी बाधा डाली।