Dehradun
मसूरी में अब नहीं चलेगा अवैध निर्माण का खेल, एमडीडीए ने उठाया सख्त कदम
मसूरी: मसूरी जिसे पहाड़ों की रानी कहा जाता है, अब बेतरतीब और अवैध निर्माण की मार से अछूती नहीं रही है। पिछले कुछ वर्षों में यहां जिस तरह से अनियोजित इमारतें खड़ी की गईं, उसने न सिर्फ शहर की नैसर्गिक सुंदरता को नुकसान पहुंचाया, बल्कि योजनाबद्ध विकास पर भी बड़ा खतरा खड़ा कर दिया है। अब इस स्थिति को सुधारने के लिए मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने मोर्चा खोल दिया है।
एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने हाल ही में मसूरी दौरे के दौरान साफ कर दिया कि अवैध निर्माण के खिलाफ एक सुनियोजित और चरणबद्ध अभियान शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मसूरी को अब सेक्टरों में बांटा गया है और हर सप्ताह एक दिन प्राधिकरण की टीम एक सेक्टर में जाकर सर्वेक्षण और जांच करेगी। यदि किसी भी जगह अवैध निर्माण पाया गया तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी नोटिस जारी होगा, निर्माण सील किया जाएगा और ज़रूरत पड़ने पर एफआईआर तक दर्ज की जाएगी।
बंशीधर तिवारी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि जिन भवनों को पहले सील किया गया था, अगर उनमें दोबारा निर्माण कार्य पाया गया, तो संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि मसूरी में जिस तरह की फ्लोटिंग आबादी और अनियमित निर्माण की समस्या लगातार बढ़ रही है, उसके समाधान के लिए एक ‘वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी’ का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। यह नीति फिलहाल विचाराधीन है, लेकिन इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है जो मसूरी की वर्षों पुरानी समस्याओं का स्थायी समाधान ला सकती है।
उपाध्यक्ष ने बताया कि एमडीडीए अब उन लोगों के लिए भी सुविधाएं बढ़ा रहा है जो कानूनी तरीके से अपना घर बनाना चाहते हैं। प्राधिकरण ने अपने सॉफ्टवेयर पर पूर्व-स्वीकृत आवासीय नक्शे अपलोड कर दिए हैं, जिससे अब कोई भी आम नागरिक सीधे ऑनलाइन आवेदन कर सकता है और बिना किसी दलाल के त्वरित स्वीकृति पा सकता है। तिवारी ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी बिचौलिए के चक्कर में न पड़ें और सीधे एमडीडीए की वेबसाइट से जुड़ें।
भारी बारिश से मसूरी की कई सड़कों और फुटपाथों को खासा नुकसान पहुंचा है। इस पर भी तिवारी ने कहा कि जैसे ही बारिश का दौर थमेगा, मुख्य सचिव के निर्देशानुसार मसूरी का निरीक्षण कर प्राथमिकता वाले इलाकों में मरम्मत और सौंदर्यीकरण का काम शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही मसूरी की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक पार्किंग को हल करने के लिए जीरो पॉइंट पर बहुप्रतीक्षित पार्किंग निर्माण कार्य भी जल्द शुरू होगा। सभी आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
1998 के बाद मसूरी में कोई भी नई हाउसिंग स्कीम नहीं आई थी लेकिन अब लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत प्रस्ताव मांगे गए हैं। कुछ प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं और उनके परीक्षण के बाद भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, जिसके बाद नई हाउसिंग कॉलोनियों का निर्माण किया जाएगा।
मसूरी को केवल रहन-सहन का ही नहीं, बल्कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी बेहतर बनाने की दिशा में काम हो रहा है। इसी सोच के तहत हुसैनगंज में एक ईको पार्क का निर्माण प्रस्तावित है। इसका शिलान्यास मुख्यमंत्री उत्तराखंड द्वारा किया जा चुका है और जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा।