सीरिया : सीरिया में भारी राजनीतिक उथल-पुथल के बाद विद्रोही समूहों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया है, जिससे राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता का अंत हो गया है। विपक्षी लड़ाकों ने सीरिया में 13 साल के गृहयुद्ध के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को उखाड़ फेंका। इस तख्तापलट के बाद, बशर अल-असद और उनका परिवार रूस की राजधानी मास्को में शरण लेने के लिए भाग गए हैं।
सीरिया में भारतीय दूतावास की स्थिति
हालांकि, सीरिया में इस गंभीर संकट के बावजूद, दमिश्क में भारतीय दूतावास अभी भी सक्रिय है और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है। हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय दूतावास सीरिया में स्थित लगभग 90 भारतीय नागरिकों के संपर्क में है। इनमें से 14 भारतीय नागरिक संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न संगठनों में काम कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहें और अपनी आवाजाही कम से कम रखें।
अमेरिका का बयान: असद शासन का पतन ऐतिहासिक अवसर
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन का पतन देश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। बाइडन ने कहा कि असद शासन ने पिछले 50 सालों में हजारों निर्दोष सीरियाई नागरिकों के साथ क्रूरता की, उन्हें प्रताड़ित किया और उनकी जान ली।
बाइडन ने व्हाइट हाउस में जारी अपने बयान में कहा, “13 साल के गृहयुद्ध और बशर अल-असद तथा उनके पिता के दशकों पुराने तानाशाही शासन के बाद, विद्रोही ताकतों ने असद को इस्तीफा देने और देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया। हालांकि, हमें यह जानकारी नहीं है कि वह कहां हैं, लेकिन अफवाहें हैं कि वह रूस में हैं। असद शासन का पतन अब एक वास्तविकता बन चुका है।”
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