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हरिद्वार भूमि घोटाले में सफेदपोशों की संलिप्तता! सीबीआई जांच की मांग: हरीश रावत

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देहरादून: हरिद्वार में जमीन घोटाले को लेकर उत्तराखंड की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। सरकार जहां इस कार्रवाई को “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत एक बड़ा और साहसिक निर्णय बता रही है…वहीं कांग्रेस ने इसे महज एक “राजनीतिक दिखावा” करार दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि हरिद्वार में सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन आज भी सफेदपोशों के संरक्षण में कब्जे में है। अगर सरकार वास्तव में गंभीर है, तो सभी जमीन घोटालों की CBI जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि सिर्फ हरिद्वार ही नहीं, पूरे प्रदेश में कई सरकारी जमीनें राजनीतिक संरक्षण में हड़पी गई हैं। ऐसे मामलों की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

हरीश रावत ने यह भी मांग की कि पूर्ववर्ती सभी सरकारों के कार्यकाल में हुए भूमि घोटालों की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने जीरो टॉलरेंस की नीति को नैतिक रूप से तभी सफल बताया जब सरकार बिना पक्षपात के हर मामले में कार्रवाई करे।

भाजपा का पलटवार

वहीं भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए इसे वर्तमान सरकार की पारदर्शिता और इच्छाशक्ति का उदाहरण बताया है। 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष एवं दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री ज्योति प्रसाद गैरोला ने कहा भाजपा ने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट रखा है। चाहे व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में नकल माफिया फले-फूले और उनकी रोकथाम भाजपा सरकार ने ही की। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आज जब जमीन घोटालों की गंभीरता से जांच हो रही है, तब विपक्ष की नींद खुल रही है।

भाजपा नेताओं का दावा है कि इससे पहले कांग्रेस सरकार में ऐसे मामलों को या तो दबा दिया गया या नजरअंदाज कर दिया गया, जबकि वर्तमान सरकार प्रभावी और पारदर्शी कार्रवाई के पक्ष में खड़ी है।

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