नैनीताल – मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत जागेश्वर मंदिर व गुंजी (आदि कैलाश) के मास्टर प्लान और डीपीआर बना ली गई है। इसके लिए मंदिर समितियों, स्थानीय लोगों, विषय विशेषज्ञ व जिला प्रशासन से सुझाव लिए गए हैं।
कसंल्टेंसी कंपनी ने आयुक्त दीपक रावत से वार्ता कर उन्हें प्रेजेंटेशन के माध्यम से अवस्थापना विकास योजना की जानकारी दी। बताया कि 162 करोड़ की लागत से जागेश्वर और आदि कैलाश का कायाकल्प करने की तैयारी है।
वार्ता के दौरान आयुक्त ने कहा कि इस योजना के तहत मंदिरों के स्वरूप से किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। मंदिर परिसर से एक से दो किलोमीटर के दायरे में पार्किंग सुविधा, अप्रोच रोड, पेयजल, बिजली, शौचालय, कम्युनिटी हॉल, प्रसाद व भंडारा गृह सहित अन्य कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जागेश्वर मंदिर के पास अरतोला स्थित पार्किंग जंक्शन से नवनिर्मित ईवी वाहनों से पर्यटकों को जागेश्वर लाया जाएगा व मंदिर के प्रवेशद्वार को पहाड़ी शैली में बनाया जाएगा।
आयुक्त ने कहा कि मानसखंड मंदिर माला मिशन का प्रोजेक्ट पूरा होने पर देश विदेश के पर्यटक इन क्षेत्रों में पहुंचेंगे। इससे उत्तराखंड मेें पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा और प्रदेश की आर्थिकी में भी इजाफा होगा।
उन्होंने कहा कि दंडेश्वर मंदिर परिसर में पार्किंग शलटर बनाने के साथ ही आसपास स्थानीय लोगों के भवनों को भी पहाड़ी शैली में विकसित किया जाएगा। आयुक्त ने कहा कि एएसआई म्यूजियम व केएमवीएम गेस्ट हाउस के सौंदर्यीकरण के साथ ही जटगंगा नदी के सौंदर्यीकरण, ब्रिज, चेकडैम और घाट का निर्माण भी किया जाएगा। इसके लिए 150 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की जा चुकी है। आदि कैलाश गुंजी में नंदी द्वारा का निर्माण, होम स्टे, रेस्टोरेंट व पार्किंग व्यवस्था के साथ ही लगभग 60 लोगों के रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई है। इसके लिए प्रथम चरण में 12 करोड़ 87 लाख की डीपीआर तैयार की जा चुकी है।