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मेरी योजना पोर्टल एप: अब दस्तावेज का हाल और योजनाओं का पिटारा एक क्लिक में !

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देहरादून : उत्तराखंड सरकार राज्य के सभी पात्र व्यक्तियों तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए एक नया कदम उठा रही है। राज्य सेतु आयोग ‘मेरी योजना पोर्टल’ तैयार कर रहा है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से अत्यधिक सहज और उपयोगकर्ता के अनुकूल होगा। इस पोर्टल के जरिए लोग सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और यह एप यह भी बताएगा कि वे किस योजना के लिए पात्र हैं और उन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं।

राज्य सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी के अनुसार, सरकार के कई विभागों में बहुत सी अच्छी योजनाएं मौजूद हैं, लेकिन इन योजनाओं का लाभ सही तरीके से और पर्याप्त रूप से लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा था। इन योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए अब ‘मेरी योजना पोर्टल’ को तैयार किया जा रहा है।

एप के माध्यम से जानें योजनाओं के बारे में आसान तरीके से

यदि कोई व्यक्ति किसी विशेष योजना, जैसे मछली पालन, के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहता है, तो उसे सिर्फ अपने स्मार्टफोन पर ‘मेरी योजना पोर्टल’ एप इंस्टॉल करना होगा। एप पर ‘मछली’ बोलते ही संबंधित योजना के बारे में सारी जानकारी सामने आ जाएगी। एप बताएगा कि मछली पालन योजना के लिए किस प्रकार की पात्रता होनी चाहिए, योजना में लोन की सुविधा उपलब्ध है या नहीं, योजना का आवेदन कैसे किया जा सकता है और यदि स्कीम में सब्सिडी दी जाती है तो वह कितनी होगी।

माई स्कीम पोर्टल के तीन प्रमुख चरण

‘मेरी योजना पोर्टल’ को तीन प्रमुख चरणों में विभाजित किया गया है:

  1. पहला चरण – योजना की खोज
    इस चरण में, उपयोगकर्ता एप पर अपना इच्छित क्षेत्र, जैसे स्वरोजगार, खेती, उद्यानिकी, पशुपालन, पेंशन, छात्रवृत्ति आदि से संबंधित योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। एप यह बताएगा कि इन योजनाओं के लिए उपयोगकर्ता की क्या पात्रता होनी चाहिए, लोन की सुविधा है या नहीं, अनुदान और ट्रेनिंग की जानकारी भी दी जाएगी।
  2. दूसरा चरण – आवेदन प्रक्रिया
    इस चरण में, उपयोगकर्ता संबंधित योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया जान सकेगा। जैसे यदि वह सेब या अखरोट की खेती से जुड़ी योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहता है, तो माई स्कीम पोर्टल के जरिए उद्यान विभाग की वेबसाइट खुल जाएगी, जहां आवेदन की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
  3. तीसरा चरण – मॉनिटरिंग और फीडबैक
    इस चरण में, आवेदक को यह विकल्प मिलेगा कि उसने जिस योजना का लाभ लिया, उसका अनुभव कैसा रहा। क्या स्कीम उसकी उम्मीद के मुताबिक लाभकारी रही या नहीं, और यदि नहीं, तो इसके कारण क्या थे।

आने वाले महीनों में होगा पोर्टल का लॉन्च

राज्य सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने बताया कि पोर्टल के लिए काम आईटीडीए (ITDA) के सहयोग से शुरू हो चुका है और वर्तमान में सभी विभागों से योजनाओं के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। पोर्टल को तैयार होने में चार से छह महीने का समय लगेगा। जोशी ने कहा कि इस पोर्टल के लॉन्च होने के बाद राज्य के हर नागरिक को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त करना सरल और पारदर्शी हो जाएगा।

 

 

 

 

 

 

 

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