जोशीमठ/चमोली – ज्योतिर्मठ को लेकर कोई विवाद नहीं है। पहले विचारधाराओं का विवाद था, लेकिन स्वरूपानंद सरस्वती के ब्रह्मलीन होने के बाद अब पीठ पर कोई विवाद नहीं है। यह बात स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने ज्योतिर्मठ में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
कहा, स्वामी स्वरूपानंद महाराज ने किसी को भी लिखित में शंकराचार्य नहीं बनाया है। अयोध्या में राम मंदिर को लेकर कहा, वह मंदिर नहीं, बल्कि रामलला का निवास स्थान है। मंदिर किसी दूसरी जगह हो सकता है, लेकिन यह उनका घर है। घर बनाने में जितनी जगह बन जाती है उतने में ही प्रवेश हो जाता है। बाद में धीरे-धीरे निर्माण होता रहता है।
कहा, उत्तराखंड के चारोंधामों में यात्रियों से ज्यादा पर्यटक आ रहे हैं। पहले जो यात्री आते थे वे तपस्वी होते थे, अब पर्यटन के नजरिए से लोग आ रहे हैं। कहा, धर्मयात्रा को टूरिज्म बना दिया गया है। इस मौके पर तीर्थ पुरोहित ऋषि प्रसाद सती आदि मौजूद रहे।