देहरादून : राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर आज राजकीय बालिका निकेतन, केदारपुरम, जिला शरणालय एवं प्रवेशालय तथा शिशु सदन की लगभग 30 बालिकाओं ने सचिवालय में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी से मुलाकात की और अनौपचारिक संवाद किया। इस दौरान मुख्य सचिव ने बालिकाओं से उनकी शिक्षा, व्यक्तिगत जीवन और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से बातचीत की। बालिकाओं के सवालों का जवाब देते हुए, उन्होंने उनका उत्साहवर्धन किया और उन्हें अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रेरित किया।
मुख्य सचिव से संवाद के दौरान 9वीं कक्षा की छात्रा पूजा ने बताया कि वह भविष्य में वकील बनना चाहती हैं। इस पर मुख्य सचिव ने पूजा को शैक्षिक प्रदर्शन में उत्कृष्टता बनाए रखने की प्रेरणा दी और जिला प्रोबेशन अधिकारी तथा बालिका निकेतन के अधिकारियों को पूजा के लिए कानून के क्षेत्र में करियर बनाने हेतु मार्गदर्शन, काउंसलिंग और जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इसके बाद 7वीं कक्षा की छात्रा प्रिया शर्मा ने बताया कि वह आर्मी ऑफिसर बनना चाहती हैं। मुख्य सचिव ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को प्रिया के लिए सैनिक कल्याण विभाग से फिजिकल ट्रेनिंग और कोचिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए और उन्हें शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक फिटनेस पर भी ध्यान देने की सलाह दी।
बालिकाओं ने अपनी विभिन्न करियर योजनाओं का भी साझा किया। खुशबू रावत, जो योगा में स्नातक कर रही हैं, ने बताया कि वह इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती हैं। भावना रावत ने कहा कि उन्हें फैशन डिजाइनिंग में रुचि है। दोनों बालिकाएं अल्मोड़ा से हैं और अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद अपने गांव वापस जाना चाहती हैं।
मुख्य सचिव ने बालिका निकेतन में रहने वाली सभी बालिकाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और करियर काउंसलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बालिकाओं से कहा कि उनका उज्जवल भविष्य अच्छे शिक्षा और कौशल विकास पर निर्भर करता है, जो उन्हें सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की ओर अग्रसर करेगा।
मुख्य सचिव ने राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए लागू की गई विभिन्न योजनाओं का भी उल्लेख किया और बालिकाओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में उन्हें हर संभव सहायता दी जाएगी।
बालिका निकेतन से रौनक, रिया, साक्षी भट्ट, खुशी, रोशनी, शिफा, संगीता, नर्गिस और जिला शरणालय से शिवानी, विमला, नैना, रूचि, तथा शिशु सदन से रमा, लक्षमी और राधा ने भी इस अवसर पर अपनी बातें साझा की।