Delhi
लाल किले से बोले पीएम मोदी पाप करने वालों में डर पैदा करना जरुरी, महिलाओं के खिलाफ राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द मिले फांसी।
नई दिल्ली – देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया। वहीं, पीएम मोदी ने अपने संबोधन में इशारों में बंगाल की घटना को लेकर गुस्सा जताया। उन्होंने महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध को भी उठाया। पीएम ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराधों की तुरंत जांच हो। कृत्य करने वालों को सख्त से सख्त सजा हो। गौरतलब है, हाल ही में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले पर लगातार विवाद गहराता जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्र सड़क पर उतरकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
सजाओं के बारे में खबरें अब सामने आना जरूरी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘महिलाओं के प्रति अपराधों की तुरंत जांच हो। कृत्य करने वालों को ज्यादा से ज्यादा, सख्त से सख्त और जल्दी से जल्दी सजा हो। जब ऐसी राक्षसी मनोवृत्ति को सजा होती है तो वह नजर नहीं आती कोने में कहीं पड़ी रहती है। ऐसे राक्षसी कृत्य करने वालों को होने वाली सजाओं के बारे में खबरें अब सामने आना जरूरी है, ताकि लोगों को पता चले कि ऐसे कृत्यों का क्या परिणाम होता है।’
महिलाओं का हम दमखम देख रहे, मगर…
उन्होंने कहा, ‘महिलाओं का हम दमखम देख रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ कुछ चिंता की बातें भी आती हैं और आज मैं लाल किले से एक पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के नाते हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं-बहनों, बेटियों के प्रति अत्याचार हो रहे हैं। उसके प्रति देश का आक्रोश है, जनसामान्य का आक्रोश है। इस आक्रोश को मैं महसूस कर रहा हूं। इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा।’
उन्होंने कहा, ‘अब समय की मांग है कि जिनको सजा होती है, उसकी व्यापक चर्चा हो ताकि ऐसा पाप करने वालों में डर पैदा हो कि पाप करने वालों की ऐसी हालत होती है, फांसी पर लटकना पड़ता है। मुझे लगता है कि डर पैदा करना बहुत जरूरी है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘देश में महिलाओं के साथ बर्बरता हो रही है, उन पर अत्याचार हो रहे हैं। राज्य सरकारों से, शासन-प्रशासन से अपील करता हूं कि वो ऐसे उदाहरण पेश करें कि कोई किसी महिला के साथ ऐसा करने की हिमाकत नहीं कर सके। दुष्कर्म जैसा पाप करने वाले को फांसी की सजा हो ताकि कोई ऐसा करने की सोचे तो उसे पता हो कि जीवन से हाथ धोना होगा।’