Uttarakhand

बाबा तरसेम सिंह की हत्या का षड्यंत्र रचने में शामिल तीन आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, बाजपुर के आरोपियों ने उपलब्ध कराई थी राइफल।

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उधमसिंह नगर – डेरा कार सेवा नानकमत्ता के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की हत्या का षड्यंत्र रचने में शामिल तीन और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें एक यूपी और दो उत्तराखंड के बाजपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। बाजपुर के आरोपियों ने शॉर्प शूटरों को राइफल उपलब्ध कराई थी।

नानकमत्ता पुलिस थाने में एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने पत्रकारों को बताया कि बाबा तरसेम सिंह की हत्या के षड्यंत्र में तुलापुर, बिलसंडा, पीलीभीत निवासी परगट सिंह को शनिवार देर रात मेलाघाट रोड, झनकईया, खटीमा से गिरफ्तार किया गया। केशोवाला मोड, बाजपुर निवासी जसपाल सिंह भट्टी को जेल रोड, रामपुर, यूपी से और बन्नाखेड़ा बाजपुर निवासी सुखदेव सिंह गिल उर्फ सोनू गिल को रविवार को बाजपुर क्षेत्र से पकड़ा गया।

एसएसपी ने बताया कि विवेचना में यह तथ्य प्रकाश में आया कि जिस 315 बोर की राइफल से बाबा तरसेम सिंह की हत्या की गई, वह जसपाल सिंह भट्टी ने शार्प शूटर सर्बजीत सिंह और अमरजीत सिंह को 17 मार्च को बाजपुर में ही उपलब्ध कराई थी। जसपाल की जिस कार से शॉर्प शूटरों को राइफल उपलब्ध कराई गई थी, वह कार पुलिस ने बरामद कर ली है।

दो और नए नाम सामने आए
एसएसपी ने बताया कि बाबा तरसेम सिंह की हत्या के षड्यंत्र में बिलासपुर निवासी सुल्तान सिंह और कुईया महोलिया, शाहजहांपुर निवासी सतनाम सिंह भी शामिल हैं। सुल्तान सिंह मुख्य हत्यारोपी शूटर अमरजीत सिंह के संपर्क में था। उसने ही अमरजीत को बाबा तरसेम सिंह की हत्या के लिए तैयार किया था। सुल्तान का काफी लंबा आपराधिक इतिहास है। उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

सुल्तान सिंह पर दर्ज हैं 11 मुकदमे
पुलिस के मुताबिक, सुल्तान सिंह पर यूपी और उत्तराखंड में हत्या, बलवा, जानलेवा हमले समेत विभिन्न अपराधों के 11 केस दर्ज हैं। सुल्तान लंबे समय से शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू के संपर्क में था। अमरजीत को हत्याकांड के लिए तैयार करने वाला सुल्तान सिंह ही है।

10 साल पहले अमरजीत के साथ एटीएम चोरी में शामिल था जसपाल
बाबा तरसेम सिंह की हत्या का षड्यंत्र रचने और शॉर्प शूटरों को राइफल उपलब्ध कराने के आरोप में पुलिस के गिरफ्त में आया बाजपुर निवासी जसपाल सिंह भट्टी उर्फ मिंटू वर्ष 2014 में एटीएम चोरी और पुलिस पर जानलेवा हमले के आरोप में जेल जा चुका है। जसपाल पर यूपी और उत्तराखंड में 10 केस दर्ज हैं।

मुख्य आरोपी व शॉर्प शूटर अमरजीत सिंह और बाजपुर निवासी जसपाल सिंह भट्टी फुफेरे भाई हैं। दोनों मूल रूप से सिहोर बिलासपुर, यूपी निवासी हैं। वर्ष 2014 में रुद्रपुर से एटीएम चोरी व पुलिस टीम पर जानलेवा हमले के मामले में अमरजीत और जसपाल जेल जा चुके हैं। हत्याकांड में षड्यंत्र रचने के मामले में गिरफ्तार दूसरे आरोपी बन्नाखेड़ा, बाजपुर निवासी सुखदेव सिंह गिल और जसपाल भी वर्ष 2011 में थाना बाजपुर से हत्या के मामले में साथ-साथ जेल भी गए थे। जसपाल किच्छा थाने का गैंगस्टर भी रहा है। जसपाल के विरुद्ध उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में हत्या समेत विभिन्न अपराधों के 10 केस दर्ज हैं जबकि दूसरे आरोपी सुखदेव पर उत्तराखंड में दो केस दर्ज हैं। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि पकड़े गए तीसरे आरोपी पीलीभीत निवासी परगट सिंह के आपराधिक इतिहास की जानकारी ली जा रही है।
 नेपाल भागने की फिराक में था परगट सिंह
बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपियों सर्बजीत सिंह और अमरजीत सिंह के नेपाल के रास्ते विदेश भागने की आशंका व्यक्त की जा रही है। हत्या के षड्यंत्र में शामिल पीलीभीत निवासी परगट सिंह को पुलिस ने शनिवार रात खटीमा के झनकईया स्थित नेपाल बॉर्डर के पास मेलाघाट रोड से गिरफ्तार किया। माना जा रहा है कि परगट सिंह नेपाल भागने की फिराक में था।

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पुलिस ने परगट सिंह और जसपाल सिंह को शनिवार रात को ही गिरफ्तार कर लिया था। रविवार को तीसरे षड्यंत्रकारी सुखदेव सिंह गिल की गिरफ्तारी के बाद तीनों को कोर्ट में पेश किया गया। सूत्रों के अनुसार, परगट सिंह के बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के षड्यंत्र में शामिल होने की जानकारी एक सप्ताह पहले ही लग गई थी। लेकिन वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहा था।

सर्विलॉस, सीसीटीवी फुटेज और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि परगट सिंह, बिलासपुर निवासी सुल्तान सिंह और शाहजहांपुर निवासी सतनाम सिंह भी बाबा तरसेम सिंह की हत्या की साजिश में शामिल हैं। इस पर पुलिस ने शनिवार रात मेलाघाट रोड से परगट सिंह को गिरफ्तार कर लिया जबकि सतनाम और सुल्तान सिंह अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस के पास अभी परगट सिंह के आपराधिक इतिहास की जानकारी नहीं है।

मुख्य हत्यारोपियों पर एक-एक लाख रुपये इनाम घोषित
बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड मामले में षड्यंत्र रचने, हथियार आदि उपलब्ध कराने के आरोप में पुलिस अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन मुख्य हत्यारोपियों तरनतारन, पंजाब निवासी सर्बजीत सिंह और बिलासपुर, यूपी निवासी अमरजीत सिंह का अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। उनके विदेश भागने की आशंका व्यक्त की जा रही है। रविवार को दोनों फरार हत्यारोपियों पर घोषित इनाम 50-50 हजार से बढ़ाकर एक-एक लाख रुपये कर दिया गया है।
मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए ठोस सुबूत जुटा रही पुलिस
पुलिस बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के 11 दिन के भीतर षड्यंत्र में शामिल सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड पर अब भी रहस्य बना हुआ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हत्याकांड के मास्टर माइंड तक पहुंचने जांच की कड़ियों को जोड़ते हुए ठोस सुबूत एकत्रित किए जा रहे हैं।

एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा जा चुका है। इन सभी पर हत्या का षड्यंत्र रचने, शार्प शूटरों को हथियार व संसाधन उपलब्ध कराने का आरोप है। सभी आरोपियों के विरुद्ध कई केस दर्ज हैं। एसएसपी ने कहा कि हत्याकांड के मास्टर माइंड तक पहुंचने के लिए साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। ठोस सबूत मिलने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस मामले में सोशल मीडिया में अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

 

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