देहरादून: प्रदेश सरकार उद्योग और पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए भूमि खरीद की अनुमति को प्राथमिकता दे सकती है, लेकिन यह अनुमति केवल उन्हीं निवेशकों को दी जाएगी जो स्थानीय रोजगार सृजन का पक्का वादा करेंगे। इसके तहत निवेशकों को इस बात का अनिवार्यता प्रमाणपत्र देना होगा कि वे रोजगार सृजन के लिए मशीनरी आदि लगाएंगे और क्षेत्र में रोजगार के अवसर उत्पन्न करेंगे।
यह महत्वपूर्ण जानकारी उच्चस्तरीय समिति की गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में हुई बैठक के कार्यवृत्त से सामने आई है। इस बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में यह तय किया गया कि राज्य हित में निवेश, रोजगार सृजन और भूमि की खरीद-फरोख्त का दुरुपयोग रोकने के लिए उचित प्रावधान किए जाएंगे।
बैठक में उद्योग एवं पर्यटन में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि खरीद की अनुमति को प्राथमिकता देने का प्रस्ताव रखा गया। साथ ही स्वरोजगार की अनिवार्यता की शर्त को भूमि खरीद की अनुमति के साथ जोड़ने पर भी विचार किया गया। कृषि एवं बागवानी के लिए भूमि पट्टे पर लेने को भी प्रोत्साहित किया गया।
इसके अलावा, कृषि एवं बागवानी जैसे क्षेत्रों में भूमि पट्टे पर लिए जाने की स्थिति में उसे खतौनी में इंद्राज करने की व्यवस्था की गई है। इन क्षेत्रों के लिए भूमि खरीद की अनुमति अब राज्य सरकार स्तर पर दी जाएगी। सरकार ने यह भी निर्णय लिया कि भूमि खरीद की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी, जिससे पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित की जा सके।
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