Rudraprayag
रुद्रप्रयाग की प्रतिभा नेगी ने बढ़ाया उत्तराखंड का मान, IOCL में मिली बड़ी सफलता l
रुद्रप्रयाग- “जहां चाह, वहां राह”—इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की होनहार बेटी प्रतिभा नेगी ने। सीमित संसाधनों और कठिनाइयों के बीच पढ़ाई कर प्रतिभा ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) में असिस्टेंट क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर पद पर चयनित होकर पूरे जनपद को गौरवान्वित किया है। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे पहाड़ के लिए गर्व का विषय बन गई है।
अगस्त्यमुनि की बेटी, देश का नाम रोशन
प्रतिभा रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि ब्लॉक के जयकंडी गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता वीरेंद्र नेगी एक इलेक्ट्रिकल दुकान चलाते हैं, जबकि माता विजया नेगी चिल्ड्रेन एकेडमी इंटर कॉलेज अगस्त्यमुनि में अध्यापक हैं। प्रतिभा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी इसी विद्यालय से प्राप्त की है।
शैक्षणिक यात्रा
प्रतिभा की शैक्षणिक यात्रा हमेशा से अनुकरणीय रही है:
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2019: एमएससी (रसायन विज्ञान) में उत्कृष्ट प्रदर्शन
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2019: सीएसआईआर-नेट परीक्षा उत्तीर्ण
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2020: GATE परीक्षा पास
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वर्तमान में CSIR-Indian Institute of Petroleum, देहरादून से पीएचडी कर रही हैं।
IOCL में चयन, महाराष्ट्र में देंगी सेवाएं
प्रतिभा का चयन महाराष्ट्र के लिए हुआ है, जहां वे अब IOCL में असिस्टेंट क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर के पद पर कार्यभार संभालेंगी। यह पद भारत की अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में है, जो उनके करियर की एक बड़ी उपलब्धि है।
परिवार और समाज की प्रतिक्रिया
प्रतिभा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया है। उन्होंने कहा,
“मेरी इस यात्रा में परिवार और गुरुओं का सहयोग हमेशा मेरे साथ रहा। यही मेरी ताकत बनी।”
ग्रामीणों और स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है। विद्यालय परिवार, सामाजिक संगठन और युवा प्रतिभाओं ने उन्हें बधाइयां दी हैं।
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ऐश्वर्या रावत ने भी उनकी प्रशंसा करते हुए कहा:
“प्रतिभा नेगी की सफलता पहाड़ की हर बेटी के लिए प्रेरणा है। उन्होंने साबित किया कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।”
पहाड़ की बेटियों के लिए मिसाल
प्रतिभा की सफलता उन सभी लड़कियों के लिए उदाहरण है जो पहाड़ों में रहकर भी बड़े सपने देखती हैं। यह कहानी यह दिखाती है कि अगर मेहनत सच्चे मन से की जाए, तो पहाड़ जैसी मुश्किलें भी छोटी लगती हैं।