दिल्ली : BNO News Live की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को तिब्बत के शिगात्से शहर में आए भयंकर भूकंप से अब तक करीब 53 लोगों की जान जा चुकी है। इस प्राकृतिक आपदा ने पूरे क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बना दिया है। तिब्बत में सुबह के समय आए तीन शक्तिशाली भूकंप के झटकों ने सिर्फ चीन को ही नहीं, बल्कि नेपाल, भारत, बांग्लादेश समेत कई अन्य देशों को भी हिलाकर रख दिया है।
7.1 तीव्रता से आया पहला झटका
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का पहला झटका मंगलवार सुबह 6:35 बजे महसूस किया गया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग में था, जो जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। भूकंप का असर तिब्बत से लेकर नेपाल, चीन, भारत के दिल्ली-NCR, बिहार और पश्चिम बंगाल तक महसूस किया गया।
तीन भूकंपों का सिलसिला
पहले झटके के बाद 7:02 बजे दूसरा झटका आया, जिसकी तीव्रता 4.7 थी, और फिर 7:07 बजे तीसरा झटका महसूस हुआ, जिसकी तीव्रता 4.9 थी। इन झटकों के कारण इलाके में दहशत फैल गई और लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
नेपाल में भूकंप से मची अफरातफरी
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नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, विशेषकर नेपाल-चीन सीमा पर स्थित तिब्बत के डिंगे कांत क्षेत्र में। नेपाल सरकार के भू-वैज्ञानिक विभाग ने बताया कि वहां 7.0 की तीव्रता से भूकंप आया था। नेपाल के पूर्वी और मध्य क्षेत्रों में भी इसका प्रभाव देखा गया। राजधानी काठमांडू में लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। काठमांडू में भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग पुराने भूकंप के भय को महसूस करने लगे, क्योंकि यहां काफी समय बाद इस तीव्रता का भूकंप आया था।
क्षति का आकलन जारी
हालांकि, तिब्बत, नेपाल और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भूकंप के कारण हुई क्षति के बारे में अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। स्थानीय प्रशासन स्थिति का आकलन करने और राहत कार्य शुरू करने में जुटा हुआ है।