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सिल्क्यारा सुरंग हादसा: अर्नोल्ड डिक्स ने एक साल बाद किया खुलासा, ऑपरेशन की सफलता का बताया राज !

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देहरादून: सिल्क्यारा सुरंग हादसे के एक साल बाद, अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने अपनी बात रखी और स्वीकार किया कि सिल्क्यारा बेंड-बरकोट सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने का उनका साहसिक वादा तकनीकी विशेषज्ञता से ज्यादा विश्वास पर आधारित था।

अर्नोल्ड डिक्स ने याद किया कि 12 नवंबर 2022 को सिल्क्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद, वह और उनकी टीम दीपावली के दिन श्रमिकों को बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे। यह घटना उस समय हुई थी जब श्रमिक अपनी शिफ्ट खत्म कर सुरंग से बाहर आ रहे थे, और भूस्खलन ने सुरंग का मुंह बंद कर दिया था। इस हादसे में 41 श्रमिक सुरंग के अंदर फंस गए थे।

विश्वास पर आधारित था ऑपरेशन
इस घातक हादसे के बाद अर्नोल्ड डिक्स ने घोषणा की थी कि वह श्रमिकों को क्रिसमस तक सुरक्षित निकाल लेंगे, और यह वादा हर भारतीय में उम्मीद का संचार कर गया था। हालांकि, एक साल बाद, डिक्स ने पीटीआई से बातचीत में यह कबूल किया कि इस ऑपरेशन की सफलता केवल तकनीकी विशेषज्ञता पर नहीं, बल्कि उस समय के लोगों में विश्वास और समर्पण पर आधारित थी।

सुरंग के अंदर फंसे थे 41 श्रमिक
चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर बन रही 4.5 किमी लंबी सिल्क्यारा पोलगांव सुरंग में भूस्खलन के बाद इस घटना ने सबको चौंका दिया था। यह हादसा उस वक्त हुआ था जब श्रमिक दिवाली के दिन सुरंग से बाहर निकलने वाले थे। सुरंग का मुंह बंद होने से 41 श्रमिक अंदर फंस गए थे, और उनके सुरक्षित निकालने के लिए डिक्स और उनकी टीम ने कई दिन और रात एक कर दिए।

वादा निभाया और सफलतापूर्वक निकाले श्रमिक
अर्नोल्ड डिक्स और उनकी टीम की कड़ी मेहनत और प्रयासों के बाद, क्रिसमस तक 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जिससे न केवल दुर्घटनाग्रस्त हुए श्रमिकों के परिवारों को राहत मिली, बल्कि पूरे देश में एक नई उम्मीद का संचार हुआ।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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